सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में दो दिवसीय पॉम-पॉम शो का समापन



धनसिंह—समीक्षा न्यूज 

जब मौजूद हैं संवाद तो क्यों हो विवाद : विनय सिंह

अवस्थी, इतरत, उर्वशी व मनु ने भाषा, संस्कृति, विचार व मेधा को प्रदूषित होने के प्रति किया सचेत 

गाजियाबाद। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित दो दिवसीय पॉम-पॉम शो के समापन समारोह को संबोधित करते हुए सुप्रसिद्ध कवयित्री व सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्व विद्यालय की वित्त नियंत्रक मनु लक्ष्मी मिश्रा ने कहा कि विकास के बढ़ते दायरे के बीच हमारी सोच का दायरा संकुचित होता जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उप जिलाधिकारी विनय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम जिन नीतियों और पद्धतियों को आज लागू करने जा रहे हैं उन पर यह स्कूल पिछले 30 वर्षों से अमल करता चला आ रहा है। नेहरू नगर स्थित शाखा में आयोजित प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि के तौर पर श्री सिंह ने कहा कि स्कूल बच्चों के लिए दूसरा घर होता है। जहां मां रूपी शिक्षक किसी कुम्हार की तरह बच्चों को गढ़ने का काम करती हैं। अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वह स्कूल प्रबंधन या स्टाफ से शिकायतों के बजाय समाधान की बात करें तो दोनों पक्षों के बीच कभी भी विवाद की नौबत नहीं आएगी।

अपने प्रशासनिक अनुभवों की चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि मौजूदा दौर में शिक्षण संस्थाओं व अभिभावकों के बीच कई तरह की असहमति देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि अधिकांश असहमतियां या शिकायत संवाद से दूर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि संवाद से जब सार्थक परिणाम सामने आ सकता है तो दोनों पक्षों को ही विवाद से बचना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को संस्कारी व जिम्मेदार नागरिक बनाने का भी आग्रह किया।

दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि विख्यात लेखक व रेल मंत्रालय में उच्चाधिकारी योगेश अवस्थी ने कहा कि बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के प्रति जागरूक करना प्रत्येक शिक्षक व अभिभावक की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया हमारी संस्कृति, संस्कार, भाषा व मानसिकता को प्रदूषित करने का काम कर रहा है। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वह इस वैचारिक प्रदूषण से स्वयं भी दूर रहें व अपने बच्चों को भी इससे दूर रखें। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वह पतन की ओर ले जा रहे सोशल मीडिया से स्वयं व बच्चों को बचाते हुए उन्हें भविष्य के भारत का सर्वोत्तम नागरिक बनाने में योगदान करें।



तीसरे सत्र की मुख्य अतिथि प्रख्यात शायरा अलीना इतरत ने कहा कि सिल्वर लाइन स्कूल बच्चों की नींव मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कवि नगर शाखा में आयोजित समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रख्यात कवयित्री उर्वशी अग्रवाल ने दोहों "शब्दों के पहनाऊंगी, अब सबको ताबीज़, सिल्वर लाइन स्कूल की, बनी रहे प्रेस्टीज़। देखूं दुनिया आपकी, फिर होती हूं दंग, भरते कैसे रामजी, इन बच्चों में हो रंग।" डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. माला कपूर ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है। अभिभावकों को अपने बच्चों का आकलन परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर नहीं करना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि आज के शिक्षक बच्चों की मेधा के बड़े पारखी हैं। शिक्षकों को अपना काम पेशेवर तरीके से करने के लिए हमें स्वतंत्रता देनी होगी। स्कूल की डायरेक्टर तन्वी कपूर गोयल ने कहा कि 35 साल पहले 16 छात्रों के साथ शुरू हुई यह शाखा अब तक 10 हजार से अधिक बच्चों का भविष्य संवार चुकी है। अपनी मोहक प्रस्तुतियों से नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सभी का दिल जीत लिया। इस अवसर पर उपप्रधानाचार्या मंगला वैद, उमा नवानी, सोनिया सेहरा, एकता कोहली, आलोक यात्री सहित बड़ी संख्या में अभिभावक मौजूद थे।









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