लेखन ही लेखक को बड़ा बनाता है : बलराम



धनसिंह—समीक्ष न्यूज

सुभाष चंदर के व्यंग्य व आलोक यात्री के कथा संग्रह 'नीली छतरी वाली लड़की' का लोकार्पण



विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन उमड़ी पुस्तक प्रेमियों की भीड़



नई दिल्ली/ गाजियाबाद। विश्व पुस्तक मेले के आखरी दिन हॉल नंबर दो में पुस्तक प्रेमियों का सैलाब देखने को मिला। प्रवेश द्वार से लेकर बुक स्टॉल्स पर खरीददारों की लंबी कतारें देखी गईं। लोकप्रिय लेखक अपने प्रशंसकों से घिरे नज़र आए। इन सबके बीच अद्विक प्रकाशन की ओर से एक साथ सात पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। चर्चित व्यंग्यकार सुभाष चंदर की दो पुस्तकों 'चर्चित हास्य कहानियां' व 'चर्चित व्यंग्य' तथा वरिष्ठ पत्रकार व लेखक आलोक यात्री के कथा संग्रह 'नीली छतरी वाली लड़की' का लोकार्पण वरिष्ठ कथाकार बलराम व जाने-माने पत्रकार व लेखक सुधीर मिश्रा ने किया।



  पुस्तक मेले में पाठक मंच पर संपन्न लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ लेखक बलराम ने कहा कि लेखक को किसी संगठन या पार्टी का सदस्य नहीं होना चाहिए। पार्टी या संगठन लेखक को एक तरह से लुप्त कर देते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में कलमकारों में खुद को बड़े लेखक के तौर पर स्थापित करवाने की होड़ मची है। उन्होंने कहा कि लेखन बड़ा होगा तो आपको कद्दावर लेखक होने से कोई नहीं रोक सकता। सुधीर मिश्रा ने कहा कि कई मुल्कों में सोशल मीडिया ने क्रांति करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, लेकिन हमारे देश में यह लोगों को धर्म, जात, पात, यहां तक कि गोत्र स्तर पर भी विभाजित करने का काम कर रहा है। धर्म व जाति के नाम पर विभाजन की बढ़ती प्रवृत्ति समाज के भाईचारे को दीमक की तरह खा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया के सार्थक पक्ष की पैरवी की। 



  अपने संबोधन में व्यंग्यकार सुभाष चंदर ने कहा कि हमें हास्य और व्यंग्य के बीच के भेद को समझना होगा। तभी हम इन दोनों विधाओं का आनंद ले सकते हैं। कहानीकार आलोक यात्री ने कहा कि 'नीली छतरी वाली लड़की' के माध्यम से उन्होंने स्त्रियों के मनोविज्ञान की पड़ताल की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि इस संग्रह को चार दशक मीडिया जगत में गुजारने के अनुभव का दस्तावेज भी माना जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार नीरज बुधकर ने किया। प्रकाशक अशोक गुप्ता  ने बताया कि अद्विक प्रकाशन द्वारा सुभाष चंदर, गोपाल चतुर्वेदी, ज्ञान चतुर्वेदी, हरीश नवल व सूर्यबाला के चर्चित व्यंग्य संग्रह श्रृंखला के तौर पर प्रकाशित किए गए हैं। प्रकाशक की ओर से व्योमा शर्मा ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महेंद्र कुमार ठाकुर, लेखक सुधीर मिश्रा व रामकिशोर उपाध्याय, 'कथा संवाद' के अध्यक्ष शिवराज सिंह, लेखिका सिनीवाली, मंजू 'मन' और रिंकल शर्मा, नीरज मित्तल, वागीश शर्मा, अनिमेष शर्मा, राजीव शर्मा, शकील अहमद सैफ सहित बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी मौजूद थे।





आलोक यात्री 7840052777

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