धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को कहा कि दुनिया आज भारत को टेक्नोलोजी टैलेंट पुल के रूप में देख रही है और देश के युवाओं के भरपूर अवसर हैं। सेमीकंडक्टर डिजाइन समेत सूचना प्रौद्योगिकी के अन्य सेक्टरों करते हुए उन्होंने कहा कि आज असीमित अवसर हैं। माननीय केंद्रीय मंत्री एचआरआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में न्यू इंडिया फाॅर यंग इंडिया संवाद सत्र के दौरान विद्यार्थियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2021 से युवाओं को होने वाले फायदे पर भी प्रकाश डाला। मा0 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब छठी से 12वीं तक की पढ़ाई करके स्कूली सिस्टम से निकलने वाला कोई छात्र अकुशल नहीं रहेगा। उन्होंने इससे पहले नये भारत की बदली तस्वीर और मोदी सरकार से पहले जिसे उन्होंने पुराना भारत बताया उसमें देश की स्थिति की तुलना की। इस संदर्भ में एक छात्र द्वारा आज उद्यमिता के माहौल में आए बदलाव को लेकर किए गए सवाल पर कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री ने खुद का अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज उद्यमिता के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। मा0 केंद्रीय मंत्री ने अपना उस दौर का अनुभव साझा किया जब उन्होंने भारत का पहला मोबाइल नेटवर्क शुरू किया था। तत्कालीन मंत्री सुखराम से तीन बार मिलने और मोबाइल नेटवर्क शुरू करने में आई कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले कारोबार शुरू करने में सरकार अड़चन पैदा करती थी जबकि आज सरकार सक्षम बनाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री जी की सोच है कि देश में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप्स आए और वो कामयाब बने। उन्होंने छात्रों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी से लेकर नीचे तक सारे लोग आपकी कामयाबी में दिलचस्पी रखते हैं।’’ आईटी राज्यमंत्री ने छात्रों से डिजिटल स्पेस में हुनरमंद बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘आप चाहे कोई भी डिग्री हासिल करते हों, लेकिन मेरा आग्रह है कि आप डिजिटल स्किल जरूर सीखें।’’ इससे पहले यहां दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल में युवाओं के सामने इतने अवसर कभी नहीं थे, जितने आज हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज युवाओं के लिए अवसर से भरपूर इकोसिस्टम बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था में शुमार है और भारत में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है।
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