122 वें जन्मोत्सव पर डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया नमन



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

समान आचार संहिता लागू करना डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

राष्ट्रवाद के संदेशवाहक थे डॉ मुखर्जी- प्रवीण आर्य

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 122 वें जन्मोत्सव पर ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि देश में समान आचार संहिता लागू करना ही डॉ . मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।उन्होने कहा कि आर्य समाज समान आचार संहिता का पुरजोर समर्थन करता है।एक देश में एक समान कानून लागू होने ही चाहिए।उन्होने कहा कि डॉ. मुखर्जी अखण्ड भारत के स्वप्न द्रष्टा थे उन्होंने उस समय जम्मू कश्मीर की परमिट परिपाटी के विरुद्ध संघर्ष का सिंहनाद किया था।उन्होंने राष्ट्र को सन्देश दिया कि एक देश में दो प्रधान,दो विधान,दो निशान नहीं चलेंगे।वे जम्मू कश्मीर को भारत का अविभाज्य अंग बनाने के लिए बलिदान हो गए।उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा धारा 370 व 35A समाप्त करके दी गयी है। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम आयु के उपकुलपति बने,उन्होंने पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की रक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया ।

उल्लेखनीय है कि डॉ. मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था।उनके पिता भी सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे।अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कर लीं व 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण  आर्य ने कहा कि डॉ.मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए अपना बलिदान दिया,उनके कार्य सदियों तक आने वाली पीढ़ियों का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।

आर्य नेता यशोवीर आर्य  ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से युवाओं को प्रेरणा लेने का आह्वान किया।देवेन्द्र भगत ने आभार व्यक्त करते हुए डॉ.मुखर्जी को राष्ट्रवाद का प्रतीक बताया।

धर्मपाल आर्य ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है तभी हम राष्ट्रीय एकता अखंडता को मजबूत रख सकते हैं।

गायिका पिंकी आर्या,नरेन्द्र आर्य 'सुमन', सुदेश आर्या, जनक अरोड़ा, कुसुम भंडारी, रजनी गर्ग आदि ने मधुर गीत सुनाये।

Post a Comment

0 Comments