वरिष्ठ पत्रकार एवं शायर सुदामा पाल के चंद दिलकश शेर

——समीक्षा न्यूज——

दिल में बसा लिया तुम्हें, अब जाने नहीं देंगे,

ये वादा है तुमसे, कभी रुसवा होने नहीं देंगे।

हमारी ज़िद तो साथ में हंसने-हंसाने की है।

हम तुमको कभी ये पलकें, भिगोने नहीं देंगे। 

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ज़िंदगी में सबको चाह नहीं मिलती,

सफ़र में रहकर भी राह नहीं मिलती।

अच्छाईयां की भी बदनसीबी होती हैं,

नेक कामों के लिए वाह नहीं मिलती।

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तुम्हारी इन नज़रों ने घायल किया है,

इस पागल को और पागल किया है।

अपने हुनर के हमें जलवे दिखाकर,

तुमने हमको अपना कायल किया है।

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हमारी दरख्वास्त को तुम मान भी जाओ,

दिल है बसी उल्फ़त,  ये जान भी जाओ।

माना कि तुम हंसीं हो, जवां हो, सना हो,

हम भी  इक हस्ती हैं, पहचान भी जाओ।

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दिल में बसा लिया है,  छिपाते क्यों हो,

इस वेबस पर और जुल्म ढाते क्यों हो।

हार न मानेंगे हम, ये जानकर भी तुम, 

हमारे हौंलों को आज़माते क्यों हो।

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प्यार करते हैं, मगर छिपाते हैं,

क्या इश्क़ में कभी शरमाते हैं।

जो चाहतों की कद्र नहीं करते,

उनके दिल अक्सर  टूट जाते हैं।

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खुश रहने का कोई बहाना न मिलेगा,

हमसा तुमको कोई दीवाना न मिलेगा।

आज मौसम सुहाना है, कल न रहेगा,

हमेशा हमें एक जैसा, ज़माना न मिलेगा।

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ठुकराना चाहो तो ठुकरा दो मुझे,

पाक उल्फ़त की सज़ा दो मुझे।

तुम्हारी दुनिया से दूर चला जाऊंगा,

क्या करना है, इतना बता दो मुझे।

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—सुदामा पाल

 वरिष्ठ पत्रकार एवं शायर 

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