रेन वाटर हार्वेस्टिंग को दिया जाए बढ़ावा: सिकंदर यादव





धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। अच्छी बरसात अर्थव्यवस्था में कृषि के लिए अच्छी मानी जाती है परंतु दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में इस बार बारिश के कारण अर्थव्यवस्था फेल हो चुकी है, हर तरफ पानी भरने के कारण दैनिक जीवन में बदहाली फैल चुकी है, दिल्ली में तो यमुना नदी में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो चुके हैं हर वर्ष नगर निगम व संबंधित विभाग सफाई के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं परंतु जल निकासी की व्यवस्था जस की तस ही रहती है, एक तरफ जहां चीन स्पंज सिटी बना रहा है,

जहां पर बारिश के पानी को सूखने के लिए सिस्टम बनाए जा रहे, स्पंज सिटी में बरसात का सारा पानी जमीन के अंदर सोखने, जिससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज हो जाता है,

जब हम अपने देश की बात करें तो सभी महानगरों का वाटर लेवल गिरता जा रहा है, परंतु फिर भी हमारी एजेंसी व लोग इसे लेकर गंभीर नहीं है, इसका परिणाम जल्द ही भूजल की कमी के रूप में आएगा, जबकि रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अपनाकर आप अपने आसपास की जमीन का वाटर लेवल बढ़ा सकते हैं, इसके साथ ही जलभराव की समस्या भी इससे दूर हो सकती है, उदाहरण के तौर पर यदि निचले क्षेत्र में जहां जलभराव होता है वहां-वहां पर सोख्ता (पिट) बना दिए जाएं तो अधिकतर पानी जमीन सोख लेगी, इसी प्रकार कुछ नालों को जिसमें निकासी नहीं होती उसमें भी सोखतें या पिट बनाये जा सकते हैं कई जगह नलों को कच्चा भी बनाया जा सकता है, जिस प्रकार एन.एच.ए.आई किनारे के कुछ नलो को कच्चा बनाते हैं,

जिससे पानी जमीन के अंदर चला जाये, शहर के अंदर स्थित पार्कों में भी बड़े-बड़े सोखतें (सोक पिट) बनाए जा सकते हैं, जिससे अतिरिक्त पानी जमीन के अंदर चला जाए क्योंकि ज्यादा बारिश में नलों का पानी नदी में चला जाता है, और बह जाता है, यदि उस पानी से भू-जल रिचार्ज कर लिया जाये तो वो वाटर लेवल को बढ़ा देगा, जिससे पानी की कमी नहीं होगी।

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