तिरंगा शौर्य यात्रा: राष्ट्रभक्ति, एकता और गौरव का अद्वितीय संगम

गाजियाबाद। गाजियाबाद की पावन भूमि पर भारत माता सांस्कृतिक संस्थान के संयोजन में और ऑपरेशन सिंदूर के तत्वावधान में एक ऐतिहासिक एवं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत तिरंगा शौर्य यात्रा का भव्य आयोजन हुआ, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना के सम्मान में समर्पित था।

यात्रा का शुभारंभ ठाकुरद्वारा मंदिर में स्थित चंद्रशेखर आज़ाद जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री श्री धर्मपाल सिंह जी ने किया। अपने जोशीले संबोधन में उन्होंने कहा:

"10 मई 1857 का दिन हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में केवल एक तिथि नहीं, बल्कि भारत माता की आज़ादी के लिए पहले जनांदोलन की चिंगारी है। यह दिन बलिदान, शौर्य और आत्मगौरव का प्रतीक है। धर्मपाल सिंह जी के शब्दों में, यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना को पुनः जागृत करने का प्रेरणास्रोत है।

आज जब देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर है, तब यह तिरंगा यात्रा उस ऊर्जा और बलिदान की स्मृति को पुनर्जीवित करती है, जिसने हमें आज़ाद भारत का स्वप्न देखने का साहस दिया। मोदी जी के नेतृत्व ने न केवल राष्ट्र को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाया है, बल्कि देश की सामूहिक चेतना को एक नई दिशा दी है।

देश की सेवा में समर्पित यह अभियान, न केवल एक श्रद्धांजलि है हमारे वीर बलिदानियों को, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनकर राष्ट्र निर्माण की राह को आलोकित करता है। हम सब मिलकर इस युग परिवर्तन के साक्षी बनें और भारत को विश्वगुरु बनाने के इस संकल्प में सहभागी बनें।"

विशेष आकर्षण

1 किलोमीटर लंबा भव्य तिरंगा यात्रा का मुख्य आकर्षण रहा।

"सौगंध मुझे इस मिट्टी की..." जैसे नारों के साथ सैकड़ों कटआउट यात्रा मार्ग की शोभा बढ़ा रहे थे।

कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह के पोस्टर युवाओं में जोश भर रहे थे।

भारत माता का विशाल चित्र खुली जीप पर सुसज्जित था।

5 जेसीबी मशीनों द्वारा पुष्प वर्षा ने आयोजन को अभूतपूर्व बनाया।

दुर्गा भाभी चौक पर नारीशक्ति ने झांसी की रानी, जीजाबाई जैसे वेश में वीरांगना स्वरूप स्वागत किया।

बाल गोपाल सैनिक वेश में आकर्षण का केंद्र बने।

बिलकुल, यह रहा प्रेस में जारी करने योग्य संक्षिप्त और प्रभावी बयान मयंक गोयल जी की ओर से, जो देशभक्ति, तिरंगा यात्रा, सैनिकों के सम्मान और प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व को प्रभावशाली ढंग से दर्शाता है:

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मयंक गोयल ने कहा  "1857 की क्रांति से लेकर आज तक तिरंगा हमारी अस्मिता, स्वाभिमान और बलिदान का प्रतीक रहा है। यह तिरंगा यात्रा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारत के सैनिकों के साहस और त्याग को नमन करने का अवसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में राष्ट्रभक्ति की भावना आज जन-जन में जागृत हो रही है।

इस अवसर पर उन्होंने सभी वीर जवानों को नमन किया और यह संकल्प दोहराय कि राष्ट्रसेवा ही मेरे जीवन का मूल उद्देश्य रहेगा। यह यात्रा भारत को एक नई चेतना, नई ऊर्जा और अटूट एकता का संदेश दे रही है।

कैबिनेट मंत्री श्री सुनील शर्मा ने कहा: “यह आयोजन राष्ट्रहित में युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देने वाला है।”

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नरेंद्र कश्यप बोले: “सेना और नेतृत्व के प्रति यह जनभावना अद्वितीय है।”

विधायक श्री संजीव शर्मा: “यह आयोजन भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना का दर्पण है।”

विधायक श्री अजीत पाल त्यागी ने कहा: “गाजियाबाद की एकता राष्ट्र निर्माण में मिसाल है।”

महापौर श्रीमती सुनीता दयाल ने कहा: “हर वर्ग की सहभागिता ने इस आयोजन को गौरवशाली बना दिया।”

एमएलसी श्री दिनेश गोयल बोले: “सेना के सम्मान में यह कदम हर भारतवासी की भावना है।”

पूर्व मंत्री श्री अतुल गर्ग ने कहा: “यह यात्रा भारत माता के सम्मान की अमिट कहानी बन गई है।”

सरदार एसपी सिंह (गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी): “पंथ, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए यह एकता प्रेरणास्पद है।”

जनसहभागिता और सांस्कृतिक विविधता

25 से अधिक स्वागत केंद्रों पर पुष्पवर्षा, ढोल-नगाड़े और नारों से अतुलनीय स्वागत।

महाराजा अग्रसेन समिति, ऑल इंडिया मुस्लिम संघ, महाराणा प्रताप सेवा समिति, डॉ. अंबेडकर समिति, किसान एकता मंच, नारी शक्ति मंच, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, उद्योग व्यापार मंडल, शिक्षा समिति आदि संस्थाओं ने स्वागत कर “अनेकता में एकता” का संदेश दिया।

समापन और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत आयोजन

यात्रा का समापन सेठ मुकुंद लाल स्कूल में हुआ, जहाँ तिरंगा ध्वजों, पुष्पों और लाईटिंग से सजा स्थल अत्यंत मनमोहक था।

मंच पर 4000 से अधिक नागरिकों के लिए बैठने की व्यवस्था थी।

श्री धर्मपाल सिंह ने शहीद सैनिकों के परिजनों का शॉल उड़ाकर सम्मान किया।

राष्ट्रकवि मोहित शौर्य ने भारत माता और सैनिकों पर ओजपूर्ण काव्य पाठ किया।

देशभक्ति गीतों और रॉक बैंड की प्रस्तुति ने युवाओं में ऊर्जा का संचार किया।

कार्यक्रम के अंत में हजारों लोगों ने सामूहिक शपथ ली:

“हम भारत की सेना और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का अंतिम साँस तक साथ देंगे।”

अंत में सामूहिक भारत माता की महाआरती के साथ यह अभूतपूर्व आयोजन सम्पन्न हुआ, जिसने गाजियाबाद के नागरिकों में राष्ट्रप्रेम, एकता और गौरव का अमिट प्रभाव छोड़ा।


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