गौतमबुद्धनगर: अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाई एवं ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे ब्लड

 जनपद में सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा एवं विद्युत सुरक्षा सुदृढ़ रखने हेतु आइएमए भवन नोएडा में बैठक हुई संपन्न

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से फायर सेफ्टी संबंधी मानकों से कराया अवगत 

गौतमबुद्धनगर। जनपद में संचालित सभी अस्पतालों में विद्युत सुरक्षा एवं अग्नि सुरक्षा सुदृढ़ रखने तथा ब्लड बैंकों में ब्लड की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे इस उद्देश्य से आज डीएम मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार की अध्यक्षता में  आईएमए भवन नोएडा में जनपद में संचालित अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें चीफ फायर सेफ्टी ऑफिसर, चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर, चीफ़ इलेक्ट्रिकल ऑफिसर तथा नोडल अधिकारी तथा उन अस्पतालों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिनमें पचास या 50 से अधिक बेड है।

बैठक का प्रारंभ डॉ चंदन सोनी द्वारा किया गया। उन्होंने आए हुए प्रतिभागियों को क्लीनिकल रजिस्ट्रेशन के मानकों में हुए बदलाव से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन के अंतर्गत सभी मरीज़ों व डॉक्टरों को पंजीकृत होना है। साथ ही उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सभी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों का पंजीकरण उत्तर प्रदेश मेडिकल कौंसिल द्वारा ही होना चाहिए और किसी भी अन्य प्रदेश का पंजीकरण मान्य नहीं होगा। उन्होंने बताया कि जनपद में 26 ब्लड बैंक हैं, जिनमें सभी प्रकार के ब्लड पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने आए हुए सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया कि राष्ट्रीय गतिविधियों को देखते हुए किसी भी प्रकार का मोकड्रिल एवं ब्लैकआउट को स्वयं न करें और जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आदेशों का अनुपालन करें। उन्होंने यह सुझाव दिया कि अस्पताल वालों की ज़िम्मेदारी है कि वह किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान न दें और जनमानस को भी अफ़वाहों से दूर रहने के लिए कहे, जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर सूचनाएँ प्रसारित की जाएगी।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे  ने आए हुए प्रतिभागियों को प्रेजेंटेशन प्रस्तुति के माध्यम से फायर सेफ्टी संबंधी सभी मानकों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में फायर सेफ्टी सुरक्षा को लेकर अस्पताल संचालक को सचेत रहना चाहिए और विभिन्न तरीक़े अपनाने चाहिए, जिसमें किसी भी फायर की आपदा में कम से कम नुक़सान हो और अस्पताल में आने वाले मरीज़ों और कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके। साथ ही यह भी निवेदन किया कि यदि किसी भी अस्पताल में फायर से लेकर किसी प्रकरण में आवश्यकता हो तो उन्हें तुरंत उनके नंबर पर संपर्क किया जाए। उनके द्वारा यह कहा गया कि यदि किसी अस्पताल में फायर सेफ्टी को लेकर प्रशिक्षण की आवश्यकता हो तो उनका विभाग यह प्रशिक्षण अस्पताल के कर्मचारियों को देगा।

विद्युत विभाग से रमेश कुमार ने अस्पताल में सभी उपकरणों को सही से इलेक्ट्रिक सर्किट में लगाने की सलाह दी और यह भी कहा कि सभी इलेक्ट्रिक उपकरण की अर्थिंग होना आवश्यक है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार ने अस्पताल के संचालकों को यह अवगत करवाया कि उनके यहाँ पर समय को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए और एक एम्बुलेंस का संचालन सुचारु रूप से होना चाहिए।

बैठक में डॉ श्वेता खुराना जिला नोडल अधिकारी ऑक्सीजन द्वारा अवगत कराया गया है एडवाइजरी के अंतर्गत सभी अस्पताल राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए अपने अस्पतालों में संचालित ऑक्सीजन प्लांट का सुचारु संचालन करें और ऑक्सीजन सिलिंडर पर्याप्त मात्रा में रखें।






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