रामायण में शिक्षा का संबंध नैतिक मूल्यों, कर्तव्य, अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी जैसे विषयों से है, जो आज की शिक्षा प्रणाली में भी महत्वपूर्ण हैं: नरेन्द्र अग्रवाल
शिवा पाठशाला में जनपद स्तरीय छह दिवसीय रामायण चित्रकला कार्यशाला का हुआ समापन
कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए बच्चों को प्रमाण पत्र व गिफ्ट देकर किया सम्मानित
हापुड़। अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान व संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के निर्देशन में जनपद स्तरीय छह दिवसीय रामायण चित्रकला कार्यशाला का समापन नगर क्षेत्र के शिवा प्राथमिक पाठशाला में हुआ।इस दैरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी नरेंद्र अग्रवाल व डॉ सुमन अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया। प्रशिक्षण में
कार्यशाला में विद्यार्थियों ने रामायण के पात्रों को चित्रकला के माध्यम से बनाया। 6 दिन तक उन्होंने राम कथा के विभिन्न प्रसंगों को रंगों के माध्यम से जीवंत किया।समापन में अतिथि भी चित्रों को देखकर भावुक नजर आए। इस दौरान चित्रकला के माध्यम से रामायण के प्रसंगो को उकेरने वालें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दस बच्चों को प्रमाण पत्र व गिफ्ट देकर सम्मानित किया।
जिला समन्वयक व राज्य आईसीटी पुरस्कार प्राप्त प्रधानाध्यापिका डॉ सुमन अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यशाला से बच्चों के अंदर की प्रतिभा को एक संतुलित दिशा देने का प्रयास किया गया है।
समाजसेवी व एटीएम एस के चेयरमेन नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि रामायण में शिक्षा का संबंध नैतिक मूल्यों, कर्तव्य, अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी जैसे विषयों से है, जो आज की शिक्षा प्रणाली में भी महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा किसी कान्वेंट स्कूल के बच्चों से कम नहीं है। रामायण अभिरुचि कार्यशाला से बच्चे भारतीय संर्सत और जीवन मूल्यों के बारे में जाना और उसका उपयोग अपने शैक्षिक, सामाजिक जीवन में भी कर पाएंगे।
इस अवसर पर डॉ हरजीत कौर,नीतू नांरग, लक्ष्मी शर्मा,अपूर्वा,सुमन,सोनिया आदि मौजूद थे।
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