बाढ़ में जन-धन हानि के लिए जिम्मेदार होंगे निर्माणकर्ता


गाजियाबाद। अधिशासी अभियन्ता सिंचाई निर्माण खण्ड, गाजियाबाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि जनपद गाजियाबाद में हिण्डन नदी के बायें किनारे पर निर्मित नन्दग्राम तटवर्ती बंध के निकट ग्राम घूकना, सिहानी, सद्दीकनगर, नूरनगर में तटबंध एवं नदी के मध्य की भूमि तथा मोरटी, करहैडा, मेवला अगरी, असालतपुर, अटौर, भनैडा, नगला फिरोजमोहनपुर व शमशेर आदि ग्राम एवं दायें किनारे पर निर्मित हिण्डन तटवर्ती बंध के निकट ग्राम-अर्थला व महीउद्दीनपुर कनावनी की भूमि हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।

इस डूब क्षेत्र में स्थित भूमि में निर्मित एवं निर्माणाधीन भवन स्कूल, फार्म हाउस, क्रेशर प्लांट, हार्ट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट एवं बदरपुर सैन्ड की धुलाई की होदियां आदि अवैध निर्माण स्थित हैं। बाढ़ के कारण इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से भारी जन-धन की हानि हो सकती है। यह निर्माण/बस्ती अवैध होने के कारण बाढ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन एवं शासन द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाना सम्भव नहीं हो सकेगा। शासनादेश, सं0-1417वी-सत्ताईस सिं-2-181/बाढ/09 सिं अनु-2, दिनांक 16.03.2010 एवं मा० एन.जी.टी. नई दिल्ली में प्रस्तुत एप्लीकेशन सं0-89/2013 आकाश वशिष्ठ एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 20.05.2013 द्वारा इन स्थलों पर निर्माण प्रतिबंधित है तथा ये भी निर्देशित किया गया है कि इस प्रकार के अवैध निर्माण के कारण बाढ से होने वाली क्षति की कोई प्रतिपूर्ति शासन द्वारा नहीं की जायेगी तथा बाढ़ सुरक्षा कार्य नहीं कराये जायेंगे। साथ ही अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की वसूली अवैध निर्माणकारियों से की जायेगी।

अतः सर्वसाधारण से अनुरोध है कि उपरोक्त तथ्यों से अवगत हो, तथा उपरोक्तानुसार हो रहे अवैध निर्माणों को तत्काल हटा लें या तोड़ दे अन्य कोई नया निर्माण न करें अन्यथा इन अवैध निर्माणों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही एवं अप्रत्याशित जन-धन की हानि के लिये आप निर्माणकर्ता स्वयं उत्तरदायी होंगे। सिंचाई विभाग/प्रशासन किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।


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