गौतमबुद्धनगर: जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, गौतमबुद्वनगर द्वारा हीट वेव/लू से बचाव के लिए ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ के संबंध में जनहित में एडवाइजरी की गयी जारी

गौतमबुद्धनगर। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार के मार्गदर्शन में जिला आपदा विशेषज्ञ गौतमबुद्धनगर ओमकार चतुर्वेदी ने जनसामान्य को बताया कि इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट द्वारा मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया गया की 13 जून 2025 तक गौतम बुद्ध नगर में लू चलने की संभावना है। गौतम बुद्ध नगर को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जनपद में बढ़ते तापमान के चलते लू और गर्म हवाओं के सम्पर्क में आने से बचें। गर्म हवा के सम्पर्क में आने से लू लग सकती है, इसीलिए ऐसे में अपना विशेष ध्यान रखे तथा लू लगने पर तुरन्त चिकित्सय सहायता अवश्य लें। हीटवेव को लेकर विद्यालयों में कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसके साथ ही कारखाने में भी श्रमिकों में हीटवेव जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि हीट वेव/लू से बचाव के लिए "क्या करें, क्या न करें" के संबंध में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा जनहित में एडवाइजरी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि हीट वेव/लू के दौरान क्या करें-

1.कड़ी धूप में बाहर निकलने से बचे, खासकर दोपहर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे तक के बीच।

2.गरम हवा के स्थिति जानने के लिये रेडियो सुने, टी0वी देखे, समाचार पत्र पर स्थानीय मौसम पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहे।

3.जितने बार हो सके पानी पीये,प्यास न लगा हो तभी पानी पीये ताकि “शरीर मे पानी की कमी से होने वाली बीमारी से बचा जा सके।

4.हल्के रगं के ढीले ढाले सूती वस्त्र पहने ताकि “शरीर तक हवा पहुचे और पसीने को सोख कर “शरीर को ठंंडा रखे।

5.धूप में बाहर जाने से बचे, अगर बहुत जरुरी हो तो गमछा, चश्में, छाता, टोपी एवं जूते या चप्पल पहनकर ही घर से बाहर निकले।

6.शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थो का इस्तमाल न करे, यह शरीर को निर्जलित कर सकते है। 

7.यात्रा करते समय अपने साथ बोतल में पानी जरुर रखें। गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखेें।

8.गर्मी के दिनों में ओ0आर0एस0 का घोल पिये। अन्य घरेलू पेय जैसे, नीबू पानी, कच्चे आम का बना लस्सी आदि का प्रयोग करे, जिससे “शरीर में पानी की कमी न हो।

9.अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे, तो गर्मी से उत्पन्न हाने वाले विकारों, बीमारियों को पहचाने। तकलीफ होने पर तुरन्त चिकित्सकीय परामर्श ले।

10.जानवरों को छायादार स्थान में रखें, उन्हे पीने के लिये पर्याप्त मात्रा में पानी दें।

11.अपने घर को ठंडा रखें, घर को पर्दे से ढक कर या पेन्ट लगाकर 3-4 डिग्री तक ठंडा रखा जा सकता है।

12.रात में अपने घरो की खिड़िकियो को अवश्य खुली रखें।

13.कार्यस्थल पर पानी की समुचित व्यवस्था रखें।

14.फैन, ढीले कपडे़ का उपयोग करे। ठंडे पानी से बार-बार नहाएं।

क्या न करें-

1.धूप मे, खडें वाहने में बच्चे एवं पालतू जानवरों को न छोडें।

2.खिड़की की रिफलेक्अर जैसे एल्युमुनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखे, ताकि बाहर की गर्मी का अन्दर आने से रोका जा सके। 

3.उन खिड़कियो दरवाजे पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती है, काले कपडे़/पर्दे लगाकर रखना चाहिए। 

4.जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण/स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सूनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सर्तक रहें।

5.आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।

6.जहॉ तक सम्भव हो घर में ही रहे , सूर्य के सम्पर्क से बचें।

7.सूर्य की तापमान से बचने के लिए जहॉ तक सम्भव हो घर की निचली मंजिल में ही रहें, सबसे उपरी मंजिल में कदापि न रहें, ताप के प्रभाव से लू (हीट-वेव) का शिकार होने की सम्भावना प्रायः बनी रहती है। 

8.संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें। 

9.दिन के 11 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचे।

10.गहरे रंग के भारी एवं तंग वस्त्र पहनने से बचें।

11.खाना बनातें समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखे, जिससे हवा का आना जाना बना रहे।

12.नशीले पदार्थ, “शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें।

13.उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।

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