100 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सबसे कमजोर बच्चों की होगी जांच, 15 जुलाई से चलेगा ग्रोथ मेजरमेंट अभियान

गाजियाबाद। संभव अभियान 5.0 के तहत गाजियाबाद में कमजोर और नाटे बच्चों की पहचान और उनके पोषण स्तर के यथार्थ मूल्यांकन के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। जिले के 100 ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित किया गया है, जहां सर्वाधिक संख्या में स्टंटिंग (नाटापन) से पीड़ित 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे हैं। इन केंद्रों पर 15 जुलाई से ग्रोथ मेजरमेंट (लंबाई, ऊंचाई व वजन) का कार्य शुरू किया जाएगा।

इससे पहले सोमवार को नोडल अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें लखनऊ से ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर मेजरमेंट प्रक्रिया के सभी बिंदुओं पर जानकारी दी गई। हर नोडल अधिकारी समय से केंद्र पहुंचे और कोई भी बच्चा मापन से वंचित न रहे। बच्चों को केंद्र लाने की जिम्मेदारी सहायिका की होगी, जिसकी निगरानी सीडीपीओ करेंगे। सभी अफसर जिम्मेदारी को निजी रुचि से निभाएं।

मापन कैसे होगा? डीपीओ शशि ने समझाया तरीका

डीपीओ शशि जी ने बताया कि नोडल अधिकारी संबंधित आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई नामवार सूची के अनुसार बच्चों का वजन एवं ऊंचाई अपने सामने मापेंगे। यदि पोषण ट्रैकर पर दर्ज पुराने आंकड़ों में कोई अंतर पाया गया तो संशोधित आंकड़े पोषण ट्रैकर पर अपडेट किए जाएंगे और रिपोर्ट में इस अंतर का स्पष्ट उल्लेख भी किया जाएगा। यदि कोई बच्चा 15 जुलाई को मेजरमेंट से छूट जाता है तो उसका मापन 16 जुलाई को किया जाएगा, जिससे कोई भी बच्चा इससे वंचित न रहे।

संभव अभियान : हर केंद्र पर तैनात नोडल अधिकारी, सीडीपीओ होंगे पर्यवेक्षक

जिले में ग्रोथ मेजरमेंट के लिए मजबूत इंतजाम किए गए हैं। हर आंगनबाड़ी केंद्र पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया गया है, जबकि बच्चों के मापन की जिम्मेदारी सीएचओ को दी गई है। 4–5 केंद्रों पर एक सेक्टर अधिकारी नियुक्त किया गया है। लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए सीडीपीओ और मुख्य सेविकाएं जिम्मेदार होंगी। सभी 100 केंद्रों पर ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस उपलब्ध करा दी गई हैं।

Comments