गुरु पूर्णिमा महापर्व पर भाजपा ने 20 मंडलों में किया गुरुओं, महंतों एवं पुजारियों का सम्मान

गाजियाबाद। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोच्च होता है। इसी पावन परंपरा का निर्वहन करते हुए गुरु पूर्णिमा महापर्व के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी महानगर गाजियाबाद द्वारा महानगर अध्यक्ष श्री मयंक गोयल के नेतृत्व में शहर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में गुरुओं, महंतों और पुजारियों का सम्मान एवं अभिनंदन किया गया।

महानगर के सभी 20 मंडलों में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में स्वयं महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल जी ने प्रमुख कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर गुरुओं का पावन पूजन एवं वंदन किया।

प्रातःकाल दूधेश्वर नाथ मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना उपरांत अध्यक्ष श्री मयंक गोयल ने धर्माचार्य महंत नारायण गिरी जी का शाल व स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। इस दौरान मंदिर प्रांगण में पर्यावरण संरक्षण हेतु “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम के अंतर्गत एक वृक्षारोपण भी किया गया।

इसके उपरांत वाल्मीकि मंदिर, जटवाड़ा (नवयुग मार्केट) में आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शन चौहान जी के साथ अध्यक्ष मयंक गोयल ने संत समाज के महंतों का सम्मान किया।

दोपहर में गुरुद्वारा सी-ब्लॉक, कविनगर में आयोजित सम्मान समारोह में सरदार एस.पी. सिंह जी एवं रविंद्र सिंह जॉली जी की गरिमामयी उपस्थिति में गुरुओं का सम्मान किया गया। अध्यक्ष जी ने गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए कहा, "गुरु वह शक्ति है जो शिष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाती है।"

कार्यक्रमों के दौरान प्रदीप चौहान बलराम रावल, गौरव चोपड़ा, महिम गुप्ता, राहुल तोमर, अमित रंजन, पहलाद  एवं विनोद कसाना सहित अनेक कार्यकर्ता एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

महानगर अध्यक्ष श्री मयंक गोयल जी ने कहा:

"गुरु जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पथप्रदर्शक होता है। भारतीय जनता पार्टी केवल राजनीति नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति एवं परंपरा का संवाहक भी है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें स्मरण कराता है कि ज्ञान, संस्कार और संस्कृति की धारा गुरु से ही प्रवाहित होती है।"

महंत नारायण गिरी जी ने अपने आशीर्वचन में कहा:

"गुरु और शिष्य का संबंध आत्मा और परमात्मा जैसा होता है। ऐसे आयोजनों से समाज में सद्भाव, मर्यादा और संस्कृति का प्रचार होता है, जो अत्यंत सराहनीय है।"

सरदार एस.पी. सिंह जी ने कहा:

"गुरु पूर्णिमा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाले व्यक्तित्वों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है। भाजपा के इस प्रयास से भारतीय परंपराओं को मजबूती मिलती है।"






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