हम ऋषि दयानन्द द्वारा लिखे गये व प्रकाशित ग्रन्थों की सूची दे रहे हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे पाठक मित्र से लाभान्वित होंगे।
1-सत्यार्थ प्रकाश
2-ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका
3-संस्कार विधि
4-आर्याभिविनय
5-पंच-महायज्ञविधि
6-गोकरूणानिधि
7-स्वमन्तव्यामन्तव्य प्रकाश
8-आर्योद्देश्यरत्नमाला
9-व्यवहारभानु
10-काशी शास्त्रार्थ
11-सत्यधर्मविचार
12-वेदविरुद्धमत खण्डन
13-शिक्षापत्री-ध्वान्त-निवारणम्
14-महर्षि दयानन्द आत्मकथा
15-भ्रमोच्छेदन
16-भ्रान्ति निवारण
17-स्वीकार पत्र
18-चतुर्वेद विषय-सूची (प्रकाशकः रामलाल कपूर ट्रस्ट, रेवली-सोनीपत)
19-स्वामी दयानन्द जी द्वारा ऋग्वेद का अपूर्ण एवं यजुर्वेद का सम्पूर्ण भाष्य संस्कृत एवं हिन्दी में किया है। यह भाष्य परोपकारिणी सभा एवं अन्य कुछ प्रकाशकों से उपलब्ध होता है।
इन वृहद एवं लघु ग्रन्थों के अतिरिक्त ऋषि दयानन्द जी ने संस्कृत व्याकरण के ग्रन्थों के अन्तर्गत वेदांग प्रकाश नाम से 14 ग्रन्थों की रचना भी की है। इन वेदांग प्रकाश के ग्रन्थों का प्रकाशन परोपकारिणी सभा, अजमेर से किया जाता है।
ऋषि दयानन्द द्वारा लिखे ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश का (आदिम) सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ सन् 1875 में प्रकाश में आया था। इसका संशोधित संस्करण ऋषि जी ने मृत्यु से पूर्व सन् 1883 में तैयार कर लिया था जिसका प्रकाशन परोपकारिणी सभा द्वारा सन् 1884 में मुंशी समर्थदान जी के प्रबन्ध से किया था। आज कल यही द्वितीय संशोधित संस्करण सबसे अधिक प्रमाणित है और आर्यसमाज में प्रचलित है। इसका सबसे अधिक प्रकाशन एवं प्रचार परम ऋषिभक्त लाला दीपचन्द आर्य, दिल्ली ने किया और अब उनके पुत्र यशस्वी श्री धर्मपाल आर्य, प्रधान, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा, दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। लाखों की संख्या में आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट, दिल्ली से इसका प्रकाशन हो चुका है जहां से हिन्दी व अंग्रेजी में इसके अनेक आकारों में भव्य संस्करण उपलब्ध है।
आर्यसमाज में ऋषि दयानन्द जी के पत्र एवं विज्ञापनों का भी चार खण्ड में सम्पादन एवं प्रकाशन हुआ। पहले यह संस्करण पं. भगवद्दत्त जी रिसर्चस्कालर ने तैयार कर प्रकाशित किया था। इसके बाद इसका संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण पं. युधिष्ठिर मीमांसक जी, महामहोपाध्याय ने तैयार कर रामलाल कपूर ट्रस्ट, सोनीपत से प्रकाशित किया। वर्तमान में भी यह ग्रन्थ चार खण्डों में ट्रस्ट से उपलब्ध है। इसका एक नया संस्करण परोपकारिणी सभा, अजमेर से दो खण्डों में डा. वेदपाल जी के सम्पादन में प्रकाशित हुआ है।
इन सब ग्रन्थों के अतिरिक्त भी कुछ अन्य ग्रन्थ हो सकते हैं जो इस सूची व लेख में छूट गये हों वा जो अप्रकाशित हैं।
यह भी महत्वपूर्ण हैं कि पं. युधिष्ठिर मीमांसकजी ने ‘महर्षि दयानन्द के ग्रन्थों का इतिहास’ नामक एक ग्रन्थ लिखा है। यह ग्रन्थ अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। यह ग्रन्थ सम्भवतः पुनर्मुद्रण के अभाव में अप्राप्त है। इसका नया संस्करण प्रकाशित किया जाना चाहिये अन्यथा वर्तमान पीढ़ी इस महत्वपूर्ण ग्रन्थ से वंचित रहेगी।
इन सब ग्रन्थों के अतिरिक्त पं. युधिष्ठिर मीमांसक जी ने वेदवाणी के 6 या 7 विशेषांक निकालकर उनमें ऋषि दयानन्द के जीवन विषयक खोजपूर्ण सामग्री दी है। इनका एक ग्रन्थ में प्रकाशन किया जाना चाहिये था। अब न मीमांसक जी संसार में हैं और न ही किसी प्रकाशक या विद्वान का ध्यान इस ओर है। इस पर भी हमारे विद्वान व सभायें विचार कर सकती हैं।
अगर उपर्युक्त जानकारी हमारे किसी मित्र के लिये उपयोगी सिद्ध होती है तो हम स्वयं को भाग्यशाली मानेंगे। ओ३म् शम्।
-मनमोहन कुमार आर्य
पताः 196 चुक्खूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121
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