वार्ड64 गरिमा गार्डन की मास्टर कॉलोनी में नवरात्रों में प्रतिवर्ष रखे जाने वाली माता रानी की चौकी के स्थान पर जलभराव की समस्या को देखते हुए कराया !शाम तक निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा ! इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ता मीना चौहान जी सुरेन्द्र राजपूत जी पी डी शर्मा जी, रणजीत ठाकुर जी, सौरव त्यागी, सागर, हर्ष पुंडीर आदि उपस्थित रहे! "जय माता दी"
तेजपाल सिंह राणा
निगम पार्षद
वार्ड64 गरिमा गार्डन
नगर निगम ग़ाज़ियाबाद
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Saturday 28 September 2019
इंटरलॉकिंग टाईल्स का निर्माण कार्य तत्काल रूप से शुरू
Wednesday 25 September 2019
तेजपाल राणा के वार्ड में रोड़ बनकर तैयार
साहिबाबाद। वार्ड 64 गरिमा गार्डन के अंतर्गत सिंकन्दरपुर गाँव में कल्लू डागर के फार्म हाऊस के सामने वाला महेन्द्र शर्मा के मकान से बब्लू दूबे के मकान तक 15:38 लाख की लागत से 200 मीटर रोड बनकर तैयार
तेजपाल सिंह राणा निगम पार्षद वार्ड64गरिमा गार्डन
महिला एसएचओ को एसएसपी ने किया लाईन सस्पेंड
शौकिन सिद्दकी
गाजियाबाद। भ्रष्टाचार के खिलाफ एसएसपी सुधीर सिंह का बड़ा एक्शन लेते हुए थाना लिंक रोड़ की महिला एसएचओ लक्ष्मी सिंह को सस्पेंड किया। बताया जा रहा है कि एटीएम चोरों के पास से बरामद रकम में से बहुत मोटी रकम गायब करने का आरोप लक्ष्मी सिंह के ऊपर लगा है। जिस जगह से रुपए बरामद किए गए वहां पर एक सीसीटीवी फुटेज से इस घटना का खुलासा हुआ। आरोप है कि सरकारी गाड़ी में से लक्ष्मी सिंह ने रुपयों का बैग निकाल कर एक प्राइवेट गाड़ी के अंदर रख दिया।
चोरों से पुलिस ने करीब साठ लाख रुपए बरामद किए थे। बाकी रकम जब नहीं मिली तब एसएसपी सुधीर सिंह को महिला एसएचओ लक्ष्मी सिंह पर शक हुआ।
जांच के दौरान आरोप सही निकलने पर महिला एसएचओ के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए यह कदम उठाया गया।
विजयनगर पुलिस ने दो नशे कारोबारी किए गिरफ्तार
शौकिन सिद्दकी
गाज़ियाबाद। पुलिस ने मुखबिर की सूचना दो नशे के बड़े कारोबारियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है,, अभियुक्तो के कब्जे से भारी मात्रा में नशीला पाउडर करीब 1,300 ग्राम हेरोइन व तस्करी में प्रयुक्त मोटरसाईकिल बरामद,,अंतर्राष्टीय मार्किट में जिसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ के आसपास है।
Thursday 12 September 2019
स्ट्रीट लाइट पोल आने से क्षेत्र की जनता में खुशी का माहौल: तेजपाल सिंह राणा
वार्ड 64 गरिमा गार्डन के अंतर्गत अति पिछड़े क्षेत्र लक्ष्मण गार्डन में जहाँ बिजली का एक भी पोल नहीं है ! पूरा क्षेत्र शाम होते ही अँधेरे में डूब जाता है! बिजली के तारों को बांस बल्लियों के सहारे घरों तक लाया गया है! शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद भी विद्युत विभाग की उदासीनता चरम पर है! इस क्षेत्र में नगर निगम द्वारा स्ट्रीट लाइट पोल पास कराये गए हैं ! जिनको लगाने का कार्य आज से आरम्भ किया गया है!स्ट्रीट लाइट पोल आने से क्षेत्र की जनता में खुशी का माहौल है!पहली बार इस क्षेत्र में विकास कार्य की शुरुआत हुई है!
तेजपाल सिंह राणा
निगम पार्षद
वार्ड64गरिमा गार्डन
नगर निगम ग़ाज़ियाबाद
यूनाइटेड स्पोर्ट्स एरीना ने कोठारी इंटरनेशनल स्कूल को नौ विकेट से हराया
तिगरी गोल चक्कर स्थित विशाल इंटरनेशनल स्कूल के मैदान आरबीएस यादव फाउंडेशन की यूनिट श्रीराम क्रिकेट एकेडमी रजि. की तरफ से आयोजित इन्दर कप क्रिकेट टूर्नामेंट अंडर 12 का लीग मैच कोठारी इंटरनेशनल स्कूल तथा यूनाइटेड स्पोर्ट्स एरीना के बीच खेला गया जिसमे कोठरी इंटरनेशनल स्कूल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जिसमे पूरी टीम 21 ओवर मे 110 रनो पर ऑल आउट हो गयी जिसमे राघव वैष्णव 23 धैर्य जैन 23 मोहक ने 21 रनो का योगदान दिया विरोधी टीम की तरफ से गेंदबाजी मे राहुल ने 4 तथा साहिल सिंह ने 3 विकेट लिये लक्ष्य का पीछा करने उतरी यूनाइटेड स्पोर्ट्स एरीना की टीम एक विकेट के नुकसान पर 9 ओवर मे लक्ष्य प्राप्त कर लिया जिसमे सार्थक राय ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 84 रन मात्र 37 गेंदो मे धुआं धार पारी खेली सार्थक झा 13 रन पर नाबाद रहे विरोधी टीम की तरफ से गुनीत भाटिया ने एक विकेट प्राप्त किया, यूनाइटेड स्पोर्ट्स एरीना ने 9 विकेट से मैच जीत लिया, मैन ऑफ़ दी मैच के पुरुस्कार से सार्थक राय फेयर प्ले अवार्ड धैर्य जैन बेस्ट बॉलर राहुल को मुख्य अथिति एडवोकेट मुसिर खान के द्वारा पुरुस्कार दिया गया इस मौक़े पर एनआईएस कोच अंकित यादव, विनोद कुमार, राकेश झा, मैच अंपायर विकास कुमार, अंकित कुमार, टूर्नामेंट आयोजक रामप्रकाश आदि लोग मौजूद रहे
गणेश जी की विजय विसर्जन यात्रा निकाली
गाजियाबाद। संयुक्त व्यापार मंडल के जिला महामंत्री राजेश वर्मा के निवास स्थान से गणेश जी की विजय विसर्जन यात्रा का शुभारंभ व रमते राम रोड पुरानी डाकखाने वाली गली की गणेश विसर्जन यात्रा का शुभारंभ किया संयुक्त व्यापार मंडल के चेयरमैन पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पंडित अशोक भारतीय द्वारा किया गया किया। इस अवसर पर प्रवीण बत्रा पंडित अशोक भारतीय राजेश वर्मा अमित वर्मा प्रमोद गुप्ता आनंद वर्मा नरेश वर्मा वागीश शर्मा कपिल वर्मा तरुण वर्मा रूबी वर्मा मीनाक्षी वर्मा किरण वर्मा रश्मि वर्मा लक्ष्मी वर्मा आदि उपस्थित थे।
धूमधाम से निकाली गणेश विसर्जन यात्रा
लोनी विधानसभा क्षेत्र के पाभी निशांत कालोनी में गणेश विसर्जन यात्रा के दौरान क्षेत्रवासी युवाओ के साथ भाजपा नेता और सहयोग संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजेन्द्र त्यागी भाजपा जिला उपाध्यक्ष चोधरी चयनपाल सिंह पूर्व सभासद अमरेश चोधरी मंटू ठाकुर ,गौरव कुमार ,गोलू आदि उपस्थित रहे
नाली निर्माण और भराव का कार्य आरंभ: तेजपाल सिंह राणा
वार्ड 64 गरिमा गार्डन की भल्ला कॉलोनी में बिजेंदर यादव,कल्लू राठौर, शानू आदि की चारों गलियों का उद्घाटन किया गया! जिसमें आज से ही नाली निर्माण और भराव का कार्य आरंभ करा दिया गया है
तेजपाल सिंह राणा
निगम पार्षद
वार्ड64गरिमा गार्डन
नगर निगम ग़ाज़ियाबाद
Tuesday 10 September 2019
पुलियाओं का निर्माण शुरू: तेजपाल सिंह राणा
वार्ड 64 गरिमा गार्डन की उन क्षतिग्रस्त पुलियाओं की पैमाइश करायी जिनकी वजह से आमजन को आने जाने में व सड़क पर जलभराव की समस्या हमेशा बनी रहती है! जल्द ही नई पुलियाओं का निर्माण शुरू हो जाएगा!
तेजपाल सिंह राणा
निगम गार्डन
वार्ड64 गरिमा गार्डन
नगर निगम ग़ाज़ियाबाद
Sunday 8 September 2019
श्रीमती रंजीता धामा जी ने किया लाखों रूपये की लागत से कराये विकास कार्यों का किया उद्घाटन
लोनी भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा जी ने लोनी क्षेत्र की विभिन्न कालोनियों मे विकास कार्यों का नारियल फोडकर उद्घाटन किया ।
1:-वार्ड नं 30 की वर्धमानपुरम कालोनी मे लोनी नगरपालिका अध्यक्ष रंजीता धामा ने 24 लाख रूपये की लागत से कराये जा रहे विकास कार्यों का नारियल फोड़कर उद्घाटन किया ।
2:-वार्ड नं 18 इन्द्रापुरी कालोनी मे 12लाख रूपये की लागत से कराये जा रहे विकास कार्यों का नारियल फोड़कर उद्घाटन किया।
कालोनीवासियों ने माला पहनाकर लोनी नगरपालिका अध्यक्ष का स्वागत किया ।
इस अवसर पर लोनी नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा जी ने सभी कालोनीवासियों को संबोधित करते हुये कहा कि हम लोग लोनी नगरपालिका क्षेत्र के विकास को लेकर बेहद प्रतिबद्ध है ।
आप लोगों को बताते हुये मुझे बेहद हर्ष हो रहा है कि हम लोगों के दुारा लोनी के विकास के लिये प्रदेश सरकार से विशेष पैकेज की मांग की गयी है एवं हमारी मांग पर प्रदेश सरकार के मंत्रीगणों के दुारा विचार किया जा रहा है तथा इसके हम लोगों को सकारात्मक संकेत मिले है जल्द ही लोनी की कायाकल्प होने जा रही है लोनी नगरपालिका क्षेत्र के विकास कार्यों के लिये बडी धनराशि आवंटित होने जा रही है ।
लोनी की बडी समस्या जलभराव की है जलनिकासी के लिये योजना बनायी जा रही है जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान कराया जायेगा । आने वाले समय मे हम लोग लोनी को एक सुन्दर, स्वच्छ व आदर्श शहर बनायेंगे इसमे आप लोगों का भी सहयोग चाहिये होगा जैसे आप लोग पालीथीन का प्रयोग ना करे, कूडा केवल नगरपालिका की गाडियों मे ही डाले, पानी को व्यर्थ ना बहाये ,अपने आस-पास साफ-सफाई रखे आदि छोटे -छोटे कार्यों करे ।
एक आदर्श शहर का आईना उसके आदर्श नागरिक होते हैं ।
कालोनीवासियों ने विकास कार्यों के लिये रंजीता धामा जी का आभार प्रकट किया तथा रंजीता धामा जिंदाबाद के नारे भी लगाये उपस्थित लोगों ने नगरपालिका को सहयोग देने का भी आश्वासन किया कि हम लोग उनके दुारा बतायी गयी बातों पर भी अम्ल करेंगे ।
इस अवसर पर सभासद प्रदीप कुमार, सुरेन्द्र सभासद, जमील भाई ताहिर,राजन स्वामी,लोकेश, धवन भैया, जय भोले ,रोहताश,रामबीर शर्मा, महावीर सिंह, अालोक यादव, पूनम देवी, हसीना,मुन्नी देवी, सरिता देवी, सोनम शर्मा, सहित सैकड़ों की संख्या मे कालोनीवासी उपस्थित रहे ।
"रंजीता धामा ने लिया गणपति बप्पा का आशीर्वाद "
लोनी। भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा जी युवा संगठन इन्द्रापुरी के सहयोग से निकाली जा रही गणपति विसर्जन शोभायात्रा मे मुख्य अतिथि के रूप मे पँहुची ।
इस अवसर पर युवा संगठन के पदाधिकारीयों के दुारा रंजीता धामा जी का माला पहनाकर व टीका लगाकर स्वागत किया ।
इस शोभायात्रा से पूर्व हवन -पूजन किया गया तत्पश्चात शोभायात्रा शुरू की गयी ।
रंजीता धामा जी ने गणपति बप्पा के दरबार मे शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया ।
इस अवसर पर लोनी नगरपालिका अध्यक्ष ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि हमारे नगरपालिका क्षेत्र मे गणपति बप्पा जी की दिन-प्रतिदिन अनेकों जगह पर मूर्ति स्थापित की जा रही है तथा सभी अपनी श्रद्धानुसार गणपति पूजन कर रहे है तथा फिर उनको विसर्जित कर रहे हैं ।
लोनी नगरपालिका भी भक्तों के विसर्जन के लिये सुविधाएं कर रही है अस्थायी घाटों का निर्माण कराया जा रहा है जँहा पर लोग विसर्जन कर सके ताकि नदियों मे प्रदुषण ना हो ।
रंजीता धामा जी ने सभी से अपील करते हुये कहा कि आप सभी शांति पूर्वक त्यौहार मनाये तथा नगरपालिका के दुारा बनाये गये अस्थायी घाटों पर ही विसर्जन करे ।
रंजीता धामा जी ने कहा कि
युवा संगठन इन्द्रापुरी बेहद ही ऊर्जावान युवाओं का समूह है आप लोग धर्म के प्रति जागरूक रहते हैं मै आप सभी को धन्यवाद करती हुं कि आप लोग इतने अच्छे से गणपति बप्पा जी की शोभायात्रा निकालते हो गणपति बप्पा को विघ्न हर्ता भी बोला जाता है उनकी कामना है कि गणपति महाराज आप सभी के जीवन से सभी मुश्किलों को हर ले ।
आप सभी सदैव इसी प्रकार मिल- जुलकर हर त्यौहार मनाये।
इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष कोमुदी चौधरी सभासद सुरेन्द्र बैसोया, सुन्दिरयाल जी, अमर सिंह जी, रितेश, राकेश सर्वेश, सन्नी सिंह, दिलीप कुमार, मुकेश, कृष्ण कुमार, राहुल रावत, विजय कश्यप सहित सैकड़ों की संख्या मे कालोनीवासी उपस्थित रहे।
चाल सुधारो वरना चाल सुधार देगा चालान
चाल सुधारो वरना चाल सुधार देगा चालान
नए ट्रेफ़िक नियम संशोधन ऐसे ही है श्रीमान
सौ रूपये वाला साधारण अब साधारण नहीं
बिना हेल्मेट के हज़ार लेगी कानून की दुकान
सोच समझकर अधीकृत को दो गाड़ी चलाने
वरना नाबालिग पे जुर्माने में जेल का प्रावधान
ये यूरोप की सड़कें नहीं यह माना हमने दोस्तों
भारत में रोड बनाने वाले सौ में अस्सी बेईमान
इमरजेंसी क्या होती तुम सब समझ लोगे साथी
जब एक लाख जुर्माना लेंगे कोतवाली के दीवान
गर नहीं देना जुर्माना पाँच हज़ार या पांच सौ रुपये
कोशिश करके काग़ज़ पूरे कर घर से चलना श्रीमान
सुना होगा भय बिन प्रीत नहीं होती तुम सब लोगे ने
कानून कड़े होंगे तो देश प्रेम भी जागेगा करोगे गुमान
मत डरो यूँ ट्रेफ़िक के नए नियमों से बस सुधर जाओ
शराब पीकर गाड़ी चलाओगे तो ख़तरे में रहेगी जान
मत करो ओवरलोड़ गाड़ियों को तुम क्या रखा इसमें
नेक सलाह मानो कहें भारत के पुलिस वाले ये जवान
सरकारों का क्या वो तो आती जाती रहेंगी यह माना
क़ानून का पालन कर चलाओ नया भारत अभियान
चाल सुधार लो तुम यारो वरना सुधार देगा ये चलान
हम सुधरेंगे तो देश सुधरेगा चलाओ जरा ये अभियान
धर्मोन्नति विषय पर एक उपदेश का सार
“ऋषि दयानन्द का आर्यसमाज काकड़वाड़ी-मुम्बई में सन् 1882 में धर्मोन्नति विषय पर एक उपदेश का सार”
ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई के काकड़वाड़ी मुहल्ले वा स्थान पर प्रथम आर्यसमाज की स्थापना की थी। जनवरी 1882 से जून 1882 के मध्य ऋषि दयानन्द के आर्यसमाज के साप्ताहिक अधिवेशनों में उपदेश हुए थे जिनका सारांश एक कार्यवाही रजिस्टर में लिखा गया था। पं0 युधिष्ठिर मीमांसक जी ने इस रजिस्टर को प्राप्त कर इस रजिस्टर में लिखे हुए ऋषि दयानन्द के उपदेशों को अपने सम्पादकीय सहित वेदवाणी मासिक पत्रिका सहित पृथक से भी प्रकाशित किया था। इसके साथ ऋषि जीवन विषयक कुछ अन्य महत्वपूर्ण सामग्री को भी पुस्तक में प्रकाशित किया था। इसी कार्यवाही रजिस्टर से ही हम आज ऋषि दयानन्द के एक उपदेश की जानकारी को रजिस्टर के अनुसार दे रहे हैं। यह उपदेश आर्यसमाज में 6 जनवरी 1882 ई0 को हुआ था। इस उपदेश को प्रस्तुत करने से पूर्व हम इस सामग्री विषयक पं. युधिष्ठिर मीमांसक जी कुछ पंक्तियां भी प्रस्तुत कर रहे हैं। पं0 मीमांसक जी लिखते हैं कि आज से लगभग 16-17 वर्ष पूर्व आर्यसमाज काकड़वाड़ी, बम्बई के पुरोहित एवं आचार्य स्व0 श्री पं0 ऋषिमित्र जी ने मुझे लिखा था कि 'मुझे आर्यसमाज की रद्दी में से आर्यसमाज के साप्ताहिक अधिवेशनों की कार्यवाही का एक रजिस्टर मिला है, उस में ऋषि दयानन्द के व्याख्यानों का सार संगृहीत है।' मीमांसक जी उसी समय से इस कार्यवाही को देखने की उत्कण्ठा रही, परन्तु कुछ समय तक वह बम्बई न जा सके और कुछ वर्षों के अनन्तर श्री पं0 ऋषिमित्र जी का स्वर्गवास हो गया। तत्पश्चात् बहुत वर्षों तक वह रजिस्टर गुम सा रहा और अन्त में आर्यसमाज को प्राप्त हुआ।
जनवरी 1981 में पं0 युधिष्ठिर मीमांसक जी को बम्बई जाना पड़ा। विशेष कारणवश वह 3 दिन आर्यसमाज काकड़वाड़ी में ठहरे। इसी समय अपने मित्र श्री पं0 दयाशंकर जी वेदोपदेशक, जो इसी आर्यसमाज से सम्बद्ध थे, से आर्यसमाज की उक्त कार्यवाही के रजिस्टर की बात की। उन्होंने कहा कि वह रजिस्टर इस समय आर्यसमाज में विद्यमान है। उन्होंने श्री माननीय मन्त्री जी से कह कर उसे दिखाने की व्यवस्था कर दी। उसे पढ़कर मीमांसक जी को प्रबल इच्छा हुई कि ऋषि दयानन्द के बम्बई-निवास काल के समय की साप्ताहिक अधिवेशनों की कार्यवाही को प्राप्त करके उसमें ऋषि के उपदेशों के जो सारांश संगृहीत हैं, उन्हें बम्बई-प्रवचन के नाम से प्रकाशित कर देना चाहिये, अन्यथा इस रजिस्टर में लिखे अमूल्य विचार नष्ट हो जायेंगे। इसके अनुसार मीमांसक जी ने 'ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज से संबद्ध महत्वपूर्ण अभिलेख' नामक एक पुस्तक का प्रकाशन किया। इस पुस्तक में ऋषि दयानन्द विषयक महत्वपूर्ण सामग्री 11 शीषकों के अन्तर्गत प्रस्तुत किया गया है। वेदवाणी के आकार की इस पुस्तक की कुल पृष्ठ संख्या 140 है। पुस्तक का मूल्य प्रकाशन के समय 8 रुपये था जिसे बाद में संशोधित कर 10 रुपये किया गया था।
ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज काकड़वाड़ी में 8 जनवरी 1882 ईसवी को जो उपदेश दिया था, उसका आर्यसमाज के कार्यवाही रजिस्टर में वर्णन किया गया है। पौष शुक्ल पक्ष 12, रविवार, सं0 1938, ता0 1 जनवरी 1882 ईसवी। इस दिन नियमानुसार इस समाज की सभा साढ़े पांच बजे इसी स्थान पर हुई थी। सर्वप्रथम नियमानुसार परमात्मा की स्तुति, प्रार्थना की गई। तत्पश्चात् गायक ने स्तुति-गायन किया। तदनन्तर समाचार पत्र में दी गई सूचना अनुसार जगत्-प्रसिद्ध पण्डित दयानन्द सरस्वती स्वामीजी (आर्यसमाज के संस्थापक), जो कृपापूर्वक बम्बई नगरी में पधारे हैं, उन्होंने समाज को पवित्र कर ''धर्मोन्नति” विषय पर सरस, मनोवेधक भाषण दिया। इस भाषण का प्रत्येक शब्द लिखने योग्य था, परन्तु हम लोगों में से कोई शार्टहैंड से लिखनेवाला न होने के कारण यह लाभ नहीं मिल रहा है और इस अमूल्य भाषण की सुगन्ध सबको प्राप्त नहीं हो रही है। स्वामी जी ने धर्माधर्म के विषय में, लोगों को किस प्रकार विवेक पूर्वक विचार करना चाहिये, यह अपने भाषण में भली भांति स्पष्ट किया था। साथ ही भारतवर्ष में धर्म सम्बन्धी महद् विचार में लोग कितने पिछड़े हुए हैं, मतवादी लोगों ने स्वार्थवश धर्म के नाम पर जाल फैलाकर जनता को किस प्रकार नष्ट भ्रष्ट कर दिया है, उसे सत्वहीन बनाकर अज्ञान की स्थिति में कैसे पहुंचा दिया है। इत्यादि के सम्बन्ध में स्वामी जी ने विवेचन करके इनका वास्तविक चित्र श्रोताओं के हृदय पर अत्यन्त उत्तम प्रभाव पड़ा हुआ दिखाई दे रहा था। भाषण के मुद्दे अत्यन्त ध्यान देने योग्य तथा मनन करने योग्य थे। इस देश में ऐसे विचार परिप्लुत भाषण प्रत्येक स्थान पर होने की आवश्यकता प्रतीत होती है। धर्माधर्म सम्बन्धी विचार किये बिना लोग सन्मार्ग की ओर प्रवृत्त नहीं हो सकते, न उनमें पारस्परिक प्रेम ही स्थापित हो सकता है। इसके बिना इस देश की उन्नति होने की आशा अथवा सम्भावना भी नहीं है। इस प्रकार के अनेक पुरुष अपने देश में उत्पन्न हों और उनके द्वारा सदुपदेश प्राप्त हों, इसके लिए सर्वशक्तिमान् परम दयालु परमात्मा की सच्चे अन्तःकरण से प्रार्थना करनी चाहिये। यह भाषण पूर्ण होने के पश्चात गायक ने नियमानुसार पुनः प्रार्थना-गायन किया। तत्पश्चात् साढ़े बात बजे सभा विसर्जित हुई।
इस कार्यवाही रजिस्टर में उपलब्ध 23 उपदेशों के सारांश मीमांसक जी की पुस्तक में संग्रहीत हंै। हमें अवसर मिला तो हम किसी अन्य किसी किंचित विस्तृत उपदेश को भी लेखरूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न करेंगे। पं0 मीमांसक जी ने अपने जीवन काल में ऋषि दयानन्द के जीवन विषयक सामग्री के संग्रह एवं प्रकाशन का जो अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किया वह प्रशंसनीय एवं वन्दनीय है। सम्पूर्ण आर्यजगत इन कार्यों के लिए उनका ऋणी है। ऋषि दयानन्द के पत्र और विज्ञापनों को भी पं0 मीमांसक जी ने चार भागों में प्रकाशित किया था। इसका लाभ उठाकर परोपकारिणी सभा ने दो खण्डों में ऋषि दयानन्द के पत्रों का प्रकाशित कुछ वर्ष पूर्व किया है। ऋषि दयानन्द के सभी प्रमुख ग्रन्थों पर मीमांसक जी ने सटिप्पण संस्करण प्रकाशित किये जिनका स्वाध्यायशील पाठकों के लिये अत्यन्त महत्व है। आपने दयानन्दीय लघुग्रन्थ संग्रह का भी एक विशालकाय संस्करण सम्पादित कर प्रकाशित किया था। ऋषि दयानन्द के शास्त्रार्थ एवं उपदेशों का भी एक संग्रह प्रकाशित हुआ जो पुराने पाठकों के संग्रहों में सुलभ है। अन्य अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थ भी ऋषिभक्त मीमांसक जी ने लिखे हैं। हमारा सौभाग्य रहा कि हमें कई बार पं0 मीमासंक जी के साक्षात् दर्शन करने का अवसर मिला। हमने उनसे पत्रव्यवहार भी किया और उन्होंने उत्तर भी दिये थे। आर्यसमाज में अनेक विद्वानों ने समय-समय इतना साहित्य सृजन किया है कि उनका प्रकाशन एवं संग्रहएक कठिन कार्य है। यदि इस समस्त साहित्य को पीडीएफ रूप में कोई सभा संग्रहित कर ले तो यह आर्यसमाज की महत्वपूर्ण सेवा होने सहित वर्तमान समय की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
हमने इस लेख में जो सामग्री प्रस्तुत की है, पाठक उसको पसन्द करेंगे, ऐसी आशा हम करते हैं। ओ३म् शम्।
-मनमोहन कुमार आर्य
Saturday 7 September 2019
प्रधानमंत्री कार्यक्रम को लेकर तैयारियों का जायजा लेते हुये अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश।
गौतमबुद्धनगर जनपद गौतमबुद्धनगर के इण्डिया एक्सपो मार्ट में आगामी 9 सितम्बर को माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम को लेकर अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी तथा डी0जी0पी0 ओमप्रकाश सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुयी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री के कार्यक्रम एवं रूट के सम्बन्ध तैयारियों का जायजा लेते हुये कहा कि यह अन्तराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है, जो कि उत्तर प्रदेश व जनपद गौतमबुद्धनगर के लिए गौरव की बात है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बैठक मंे प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि कार्यक्रम को लेकर जिस मार्ग से माननीय प्रधानमंत्री जी का आगमन होगा, उस पर पर्याप्त मात्रा में रिर्हसल आदि की कार्यवाही सुनिश्चित कर ली जाये, और ऐसे सुदृढ़ प्रयास किये जाये की माननीय वीआईपी के आने पर आम नागरिक को किसी भी प्रकार की कठिनाईयांे का सामना न करना पडे़। समस्त सम्बन्धित विभागों के द्वारा समय रहते अपनी सभी तैयारी पूर्ण कर ली जायें, ताकि माननीय प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराया जा सकें।
डी0जी0पी0 ओमप्रकाश सिंह ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुये निर्धारित मानकों के अनुरूप फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था, एंटी सबोटांज चैकिंग, एंटी माईनिंग चैकिंग, मार्ग पर यातायात पुलिस व्यवस्था स्मोक कैंडिल, फायर टेण्डर, बम डिस्पोजल स्कवायड एवं सुरक्षा सम्बन्धी अन्य सभी व्यवस्थायें ब्लूबुक के अनुसार बनायें रखने के लिए पूर्व में ही रिर्हसल कर ली जायें ताकि माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके। उन्हांेने यह भी निर्देश दिये कि सुरक्षित एवं कुशलता के साथ संपन्न बनाने के उद्देश्य से जिन पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगानी हो, उनकी ड्यूटी समय रहते लगा दी जाये और उन्हंे समय रहते ब्रीफ भी कर दिया जाये।
मण्डलायुक्त मेरठ अनीता मेश्राम तथा आई0जी0 मेरठ जोन आलोक सिंह ने अपर मुख्य सचिव व डी0जी0पी0 को आश्वस्त करते हुये कहा कि आगामी 9 सितम्बर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराने के उद्देश्य से उनके द्वारा जो आवश्यक दिशा निर्देश जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को दिये गये है, उनका अधिकारियों के माध्यम से कड़ाई से पालन कराते हुये आयोजित होने वाले कार्यक्रम को सम्पन्न कराया जायंेगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी बी0एन0सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित कार्यक्रम स्थल के लेआउट वरिष्ठ अधिकारियों को अवलोकन कराया गया।
इससे पूर्व माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम को लेकर नाॅलेज पार्क ग्रेटर नोएडा के यूनाईटेड काॅलिज के आॅडीटोरियम हाॅल में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते पुलिस ब्रिफिंग करायी गयी। जिसमें जिलाधिकारी ने कहा कि यह अन्तराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है, जोकि गौतमबुद्धनगर के लिए बहुत ही गौरव का अवसर है। अतः इस अवसर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के द्वारा आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुये, छोटी से छोटी बातांे का ध्यान रखे तथा अपनी अपनी ड्यूटी पर पूरी तरह से तैनात रहें। उन्हांेने माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम को लेकर यह भी निर्देश दिये कि सुरक्षित एवं कुशलता के साथ संपन्न बनाने के उद्देश्य से जिन पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगानी हो, उनकी ड्यूटी समय रहते लगा दी जाये और उनको समय रहते रिर्हसल करा दी जायंे।
इस अवसर पर ए0डी0जी0 जोन, ए0डी0जी0 सिक्योरिटी, ए0आई0जी0 मेरठ जोन, एस0पी0आर0ए0 रणविजय सिंह, एस0पी0 यातायात ए0के0 झाॅ, अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिवाकर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र कुमार मिश्र, उप जिलाधिकारी सदर प्रसून द्विवेदी, क्षेत्राधिकारी पुलिस तथा जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा भाग लिया गया।
पुलिस मुठभेड़ में 25-25 हजार रुपये के पुरस्कार घोषित 02 इनामी/वाछिंत (घायल) बदमाश गिरफ्तार
पुलिस मुठभेड़ में 25-25 हजार रुपये के पुरस्कार घोषित 02 इनामी/वाछिंत (घायल) बदमाश गिरफ्तार
कब्जे से थाना इंदिरापुरम क्षेत्र से लूट हुई अपाचे मोटरसाईकिल, नकदी व अवैध असलहा बरामद
राजेश भास्कर—
थाना इंदिरापुरम पुलिस द्वारा दिनाँक 07-09-19 को दौराने चैकिंग शक्ति खंड-4 से वसुन्धरा नहर पटरी पर समय करीब 17:50 बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार 03 संदिग्ध व्यक्ति को रोकने का इशारा किया गया पर नही रुके तथा भागते हुए जान से मारने की नियत से पुलिस पार्टी पर फायर किया गया, पुलिस पार्टी की जवाबी फायरिंग में बदमाश
1. मुनीश उर्फ मुनेश पुत्र हब्बू निवासी ग्राम कोठा थाना उगेठी जनवद बदायूं 2. जितेंद्र पुत्र बदन सिंह निवासी उपरोक्त
गोली लगने से घायल हो गए तथा 01 उपनिरीक्षक RP सिंह भी घायल हो गए, घायल बदमाशों व पुलिसकर्मी को उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती किया गया है। मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार बदमाशों का एक अन्य साथी फरार हो गया,जिसकी गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे है। गिरफ्तार बदमाश
थाना इंदिरापुरम के मु0अ0सं0- 1964/19 धारा 394 भादवि में वांछित एवं 25-25 हजार रुपये के पुरस्कार घोषित अपराधी है।
गिरफ्तार अभियुक्तगण के कब्जे 02 तमंचे 315 बोर मय 02 खोखा, 05 जिन्दा कारतूस व थाना इंदिरापुरम क्षेत्र से लूटी हुई अपाचे मोटरसाइकिल एवं नक़दी बरामद हुई है। गिरफ्तार अभियुक्तगण के विरुद्ध दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लूट/चोरी के 02 दर्जन मुकदमे पंजीकृत है।
पुलिस मुठभेड़ में 25 हजार रुपये का एक इनामी/वाछिंत बदमाश (घायल) गिरफ्तार
पुलिस मुठभेड़ में 25 हजार रुपये का एक इनामी/वाछिंत बदमाश (घायल) गिरफ्तार, कब्जे एक मोटरसाईकिल व अवैध असलहा बरामदः-
राजेश भास्कर—
थाना मसूरी पुलिस व अल्फा टीम द्वारा दिनाँक 07-09-19 को दौराने चैकिंग भूड़गड़ी बम्बा के पास एक मोटरसाइकिल पर सवार 01 संदिग्ध व्यक्ति को रोकने का इशारा किया गया पर नही रुका तथा भागते हुए जान से मारने की नियत से पुलिस पार्टी पर फायर किया गया, पुलिस पार्टी की जवाबी फायरिंग में बदमाश राशिद पुत्र सद्दीक निवासी जेहरा थानां कोतवाली देहात बुलन्दशहर गोली लगने से घायल हुआ है जिसको गिरफ्तार कर उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती किया गया है। घायल बदमाश राशिद थाना मसूरी से सरिया लूट में वांछित चल रहा था जिस पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
इसके अलावा घायल बदमाश शातिर लुटेरा है जिस पर दिल्ली और एनसीआर में करीब दर्जन भर से ज्यादा लूट डकैती के मुकदमें है गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से 01 तमंचा 315 बोर मय 01 खोखा, 02 जिन्दा कारतूस व थाना विजयनगर से चोरी की गई एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है।
गिरफ्तार अभियुक्त का आपरधिक इतिहास
1-513/18 धारा 392/411 थानां कोतवाली गाजियाबाद
2-269/18 धारा392/411 थानां कोतवाली गाजियाबाद
3-611/18 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट थानां कोतवाली
4-1354/18 धारा गैंगेस्टर एक्ट थानां कोतवाली
5-535/18 धारा 395/412 ipc थानां मसूरी
6--537/18 धारा 147,148,149,307 ipc थानां मसूरी
7-87/18 धारा 379 थानां विजयनगर
8-615/19धारा 307 ipc थानां मसूरी
9--616/19 धारा 25 आर्म्स एक्ट थानां मसूरी
मनचलों के खिलाफ चलाया एंटी रोमियो अभियान
हापुड़ महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने मनचलों के खिलाफ चलाया एंटी रोमियो अभियान हापुड़ पुलिस ने नगर के विभिन्न इलाकों में एंटी रोमियो अभियान चलाया नगर सहित आसपास के विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं व महिलाओं के इस अभियान के सकारात्मक चर्चा हो रही है पुलिस की टीम ने विद्यालय के अवकाश के समय एंटी रोमियो अभियान चलाया इसके अलावा बस स्टैंड ,कोचिंग सेन्टरों, आदि पर इससे मनचलो मैं भय का माहौल है टीपी नगर चौकी प्रभारी ऐसा ही प्रतिमा त्यागी ने बताया कि क्षेत्र में मनचलों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा एंटीना अभियान की प्रभारी एसआई त्यागी ने के नेतृत्व में एक टीम को लगाया है टीम में एसआई मलिक महिला कांस्टेबल प्रियंका सिंह हेड कांस्टेबल सुनीता सिंह कांस्टेबल भावना आदि
अतुल त्यागी
घर बैठे कर सकते हैं अपना ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक
हापुड़ घर बैठे कर सकते हैं अपना ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक परिवहन विभाग ने ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन की प्रक्रिया को लेकर लोगों को किया जागरूक अब घर बैठे कर सकते हैं अपने ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक करने और नई योजनाओं के बारे में परिवहन विभाग के वरिष्ठ एआरटीओ प्रशासन राजेश श्रीवास्तव ने ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में न्यूज़ चैनल समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया और उन्हें बताया कि घर बैठे ऑनलाइन आवेदन किस तरह से किया जाता है परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.com पर जाकर आवेदक करें परिवहन विभाग एवं वरिष्ठ एआरटीओ श्रीवास्तव ने बताया कि इस वेबसाइट पर जाकर घर पर अपने डेबिट कार्ड से या अपने मोबाइल से आवेदक कर सकते हैं या जन सुविधा केंद्र पर ऑनलाइन आवेदक भी कर सकते हैं जिससे लोगों को बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर ना लगाने पड़े और लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े परिवहन विभाग में ड्राइवर से किसी भी जानकारी के लिए विभाग हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया 1800-1800-152 संपर्क करें
बाईट-वरिष्ठ arto राजेश श्रीवास्तव
अतुल त्यागी
"बन्थला गांव मे मनोज धामा जी ने कराये गणपति बप्पा विराजमान"
आज दिनांक 07/09/2019 को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमान मनोज धामा जी ने बन्थला गांव मे ग्रामवासियों के दुारा गणपति महाराज की मूर्ति की स्थापना के कार्यक्रम मे भाग लिया ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक संजीव जंगाला व ग्रामीणों द्वारा मनोज धामा जी का माला पहनाकर स्वागत किया ।
मनोज धामा जी ने विधिवत रूप से पूजा पाठ व आरती की तथा सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरित किया गया।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा जी ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि गणपति महाराज जी की मूर्ति लोनी क्षेत्र मे जगह -जगह पर स्थापित की जा रही है तथा आने वाली 12 तारीख को धूमधाम से गणपति महाराज का विसर्जन किया जायेगा ।
गणपति विसर्जन का त्यौहार सभी जगह पर बडे ही धूमधाम से मनाया जाता है ।
सभी भक्त अपनी अपनी श्रद्धानुसार गणपति बप्पा जी को अपने घर व मन्दिरों मे विराजित करते हैं तथा विसर्जन के दिन नाचते गाते हुये भक्त उनको विसर्जित करते हैं तथा अगले बरस उनसे जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं ।
इस अवसर पर हिन्दु रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी, सभासद श्रवण चंदेल, रोहित भारदुाज, संजीव जंगाला, संकेत कटारा, भोला पंडित, विशाल, जोनी, देवाशीष, दीपक, अज्जू भारदुाज, जीतू पंडितजी,सौराज जी, अनुज चौधरी ,चिंपू बन्थला,विकास, सहित सैकड़ों की संख्या मे ग्रामवासी महिलायें व पुरूष उपस्थित रहे।
बाबा भीमराव अंबेडकर जी की निसानी बचाने लंदन पहुंचे हाजी शकील सैफी
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ए अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी शकील सैफी ने लंदन पहुंचकर सरकार के अफसरों और अम्बेसडरो मीटिंग की और उन्हें अवगत कराया जो म्यूजियम हटाने की बात चल रही है उससे पूरे भारतवर्ष में रोष है इसीलिए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ए के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले जी निर्देशानुसार मैं यहां आया हूं यह बाबा साहब के निशानी है इससे छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भी बहुत तथ्य बताएं लंदन सरकार अफसरों से लंबी मीटिंग चलने के बाद आखिरकार लंदन सरकार को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी शकील सैफी जी की बात से पूरी तरह संतुष्ट होना पड़ा और उन्होंने म्यूजियम को वहीं पर ही स्थापित रखने की बात पर मोहर लगा दी लंदन सरकार व नरेंद्र मोदी सरकार एवं केंद्रीय मंत्री रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामदास अठावले जी को शकील सैफी ने धन्यवाद दीया इस दौरान बाबा भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा फूल माला पहनाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए
सहयोग द हेल्पिंग हैंड संस्था द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित
मेरे खून का एक एक कतरा देश के काम आए भारतीय सेना की तरफ से सहयोग द हेल्पिंग हैंड संस्था ओर उनकी टीम को मिला विशेष सम्मान पत्र। विजेन्द्र त्यागी सहयोग द हेल्पिंग हैंड संस्था द्वारा पिछले गत कई वर्षों से गाज़ियाबाद के साथ साथ देश के अलग अलग प्रान्त ओर अन्य जिलों में भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों के लिए भारतीय सेना द्वारा रक्तदान शिविर ओर उनका उत्साहवर्धन बढ़ाने हेतु अलग अलग बॉर्डर पर राष्ट्रीय सवाभिमान रक्षाबंधन तिरँगा यात्रा लेकर जाती ह ओर उनकी दीर्घायु की कामना करते ह संस्था से जुड़े परोक्ष ओर अपरोक्ष रूप से जुड़े सभी स्वयंसेवको द्वारा भारतीय सेना के समर्पण को देखते हुए भारतीय सेना द्वारा एक सम्मान पत्र संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजेन्द्र त्यागी ओर पूरी टीम ओर रक्तदान कर्ताओ को दिया गया जिसके कारण संस्था से जुड़ा प्रत्येक कार्यकर्ता अपने आप को गोरवान्वित महसूस कर रहा ह संस्था के संस्थापक अध्य्क्ष विजेन्द्र त्यागी ने गत वर्षो की तरह सर्वप्रथम 76 युवाओ समेत भारतीय सैनिकों हेतु रक्तदान किया जल्दी ही लोनी गाज़ियाबाद दिल्ली समेत अन्य जगहों पर भी ओर रक्तदान कैम्प आयोजित किये जायेंगे जिससे भारतीय सैनिक ओर उनके परिवार वालो का मनोबल हमेशा ऊंचा बना रहे और तिरंगा गर्व से लहराते रहे और दुनिया मे भारतवर्ष विश्व गुरु बने
सेवा सद्कर्म होने से कर्तव्य है
“निर्धन, निर्बल और रोगी मनुष्यों की सेवा सद्कर्म होने से कर्तव्य है”
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प्राचीन काल में ही हमारे देश के मनीषियों ने जन्म व कर्म विषय का विषद विवेचन किया था और इसके लिए ईश्वरीय ज्ञान चार वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद से मार्गदर्शन व सहायता ली थी। विवेचन व विश्लेषण करने पर यह निष्कर्ष सामने आया था कि हमारे जन्म का कारण हमारे पूर्वजन्म के कर्म हुआ करते हैं। संसार में मनुष्य एवं पशु-पक्षी आदि अनेक योनियां हैं। सभी योनियों में सभी प्राणियों के गुण, कर्म एवं स्वभाव सहित उनके विचारों, व्यवहारों एवं परिवेश में भी अन्तर होता है। इसका समाधान पूर्वजन्म के कर्मों व संस्कारों से स्पष्ट होता है। पूर्वजन्म में जिन मनुष्यों ने अधिक शुभ कर्म किये होते हैं उन्हें मनुष्य जन्म मिलता है। शुभ व पुण्य कर्म जितनी अधिक मात्रा में किसी मनुष्य ने किये होते हैं उसे परजन्म में उतनी ही अधिक सुखद स्थिति प्राप्त होती है। इसके अनुसार उसे धार्मिक व शिक्षित माता-पिता व परिवार मिलता है जहां किसी प्रकार का अभाव व दुःख नहीं होता। कर्म जितने अधिक अच्छे होंगे उतना अधिक जीवन सुखद होता है और जितने कम अच्छे होते हैं उतना हमारा वर्तमान जीवन कम सुखद व ज्ञान विज्ञान की प्राप्ति की दृष्टि से निम्नतर होता है। यही कारण था कि प्राचीन काल से ऋषि व विद्वान लोग वेदाध्ययन कर शुभ कर्मों का आचरण करते थे जिसमें दूसरे मनुष्यों को शिक्षित करना, उनके प्रति अच्छा व्यवहार करना, किसी के साथ क्रोध व अहंकार अथवा अन्याय का आचरण न करना, सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझना, अविद्या का नाश करना और विद्या की वृद्धि करना, निर्धनों, दुर्बलों, अनाश्रितों, अभावग्रस्त व रोगियों की तन, मन व धन से सेवा व सहायता करना धर्म माना जाता था। परोपकार को भी धर्म का एक अंग माना जाता है। जिस मनुष्य के जीवन में दया व करूणा का गुण नहीं है और जो दुर्बल, निर्धन तथा रोगी मनुष्यों की सेवा व सहायता नहीं करता वह धार्मिक मनुष्य नहीं कहलाता। वेद व भारत के सभी प्राचीन धर्मग्रन्थ सभी मनुष्यों एवं पशु आदि प्राणियों के प्रति भी दया व करुणा सहित सेवा का भाव रखने व सबको सुख पहुंचाने की आज्ञा व परामर्श देते हैं। यही धर्म का एक भाग होता है और इसके अनुरूप कर्म ही हमारा प्रारब्ध भी कहलाता है। सेवा रूपी श्रेष्ठ कर्म से मनुष्य की मृत्यु होने के बाद पुनः श्रेष्ठ मनुष्य योनि व अच्छे परिवेश में जन्म मिलता हैं जहां माता-पिता ज्ञानी व धार्मिक होते हुए सुखी व समृद्ध होते हैं। अतः सभी मनुष्यों को मननशील होकर कर्म का विवेचन करते हुए सद्कर्मों का आचरण कर निर्धन, दुर्बल, रोगी एवं अनाश्रितों मनुष्यों की तन, मन व धन से सेवा करनी चाहिये जिससे परमात्मा उन मनुष्यों पर प्रसन्न होकर अपना ऐश्वर्य एवं शारीरिक व आत्मिक शक्तियां उन्हें प्रदान करें।
किसी दूसरे मनुष्य की जो अपना रक्त-सम्बन्धी नहीं है, उसकी सेवा वही मनुष्य कर सकता है जिसके हृदय में दूसरों के प्रति दया, प्रेम, स्नेह, ममता, करूणा व परमार्थ की भावना हो। इन गुणों की प्राप्ति मनुष्य को ईश्वर की उपासना व वेद आदि ग्रन्थों के स्वाध्याय व अध्ययन से प्राप्त होती है। महापुरुषों के जीवन चरित्र पढ़ने से भी मनुष्य की आत्मा पर श्रेष्ठ संस्कार उत्पन्न होते हैं। इसी प्रकार वृद्धों की संगति व सेवा सहित सच्चे महापुरुषों के सत्संग में जाने से भी मनुष्य को सेवा आदि गुण संस्कार रूप में प्राप्त होते हैं। जो व्यक्ति अपने व परायों सभी की निष्पक्ष भाव से सेवा व सहायता करते हैं, समाज में उन व्यक्तियों को सभी महत्व देते हैं और उनका आदर करते हैं। सरकार की ओर से भी वह पुरस्कृत होते हैं। सेवा के अनेक उदाहरण हमें स्वाध्याय करते हुए मिलते हैं। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने देश व समाज से अन्धकार दूर करने के लिये सन् 1902 में गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय की स्थापना की थी। यहां सभी बच्चे आवासीय शिक्षा पद्धति से पढ़ते थे। स्वामी श्रद्धानन्द जी विद्यालय के सर्वेसर्वा आचार्य व प्राचार्य थे। एक बार गुरुकुल का एक विद्यार्थी बीमार हो गया। स्वामी जी उसे देखने पहुंचे तो उस समय उसको उल्टी वा कै आने वाली थी। उन्होंने दूसरे विद्यार्थी को उल्टी कराने के लिये एक पात्र लाने को कहा। वह लेने गया परन्तु उस बालक को उल्टी आ गई। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने अपने दोनों हाथों की अंजलि उस बालक के आगे कर दी और अपने हाथों में उल्टी कराकर सेवा का एक अनूठा उदाहरण दिया। स्वामी जी के बारे में कहा जाता है कि वह गुरुकुल में किसी बच्चे को अपने माता-पिता के वहां न होने का अभाव अनुभव नहीं होने देते थे। माता-पिता के समान व उनसे बढ़कर सभी बच्चों का ध्यान रखते व सेवा करते थे।
एक ऐसा ही अन्य उदारण महात्मा रुलिया राम जी के जीवन का है। पंजाब में एक गांव में एक बार प्लेग का रोग फैला। वहां लोग धड़ाधड़ मर रहे थे। परिवार के सदस्य भी अपने घर के रोगियों को छोड़कर गांव से पलायन कर रहे थे। महात्मा रुलियाराम जी अपने कुछ साथियों सहित दयाईयां व अन्न आदि लेकर सहायतार्थ उस गांव में पहुंच गये। एक घर में गये तो वहां एक रोगी पड़ा हुआ कराह रहा था। उसके गले में प्लेग की गिल्टी थी। महात्मा जी ने उसे देखा तो अनुभव किया कि शीघ्र ही इसके प्राण निकलने वाले हैं। उसका तत्काल आपरेशन करना होगा। उन्होंने अपने साथी को एक चाकू लाने को कहा। चाकू नहीं मिला तो उनका साथी पड़ोसियों के घरों में गया। तभी महात्मा जी ने देखा कि उस रोगी के प्राण निकलने को हैं। उनसे रहा न गया। उन्होंने अपने दातों से उसके गले की गिल्टी को काट डाला जिससे गिल्टी का पीप व मवाद पिचकारी बनकर उनके सारे चेहरे पर फैल गया। इतनी ही देर में उनका साथी चाकू लेकर आया। उसने महात्मा जी का चेहरा देखा तो बोला महात्मा जी आपने अपना जीवन संकट में डाल दिया है। यह आपने ठीक नहीं किया। महात्मा जी बोले कि इस जीवन को तो एक दिन नष्ट होना ही है। यदि इससे किसी को कुछ सुख मिलता है तभी इसका होना सार्थक है। मुझे अपने जीवन की चिन्ता नहीं है। यह आज नष्ट हो या कालान्तर में। मुझे तो अपने जीवन से दूसरों के दुःखों को दूर करना और उन्हें सुख प्रदान करना है। जिस व्यक्ति की गिल्टी को महात्मा जी ने अपने दांतों से काटा था उस व्यक्ति की गिल्टी के खून, पीप व मवाद को भी महात्मा जी अपने हाथों से दबा कर व अपने मुंह से खंीच-खींच कर निकालते रहे और थूकते रहेे। इससे उसके प्राण बच गये। इससे महात्मा जी को सन्तोष हुआ। डीएवी स्कूल व कालेज के संस्थापक महात्मा हंसराज जी को लाहौर में इस घटना का पता चला तो वह भी इससे अत्यन्त प्रभावित हुए और उन्होंने महात्मा रुलियाराम जी के इस कृत्य की भूरि भूरि प्रशंसा की। वह रोगी व्यक्ति भी महात्मा जी की इस सेवा व उपकार से उनका सदा-सदा के लिये कृतज्ञ व ऋणी हो गया। यह सच्ची घटना सेवा का अत्युत्तम उदाहरण है। ऐसा उदाहरण इतिहास में कहीं देखने को नहीं मिलता।
महात्मा हंसराज जी ने अपना सारा जीवन दयानन्द ऐंग्लो-वैदिक स्कूल व कालेज को दान दिया था। उन्होंने स्कूल से कभी एक पैसा भी वेतन नहीं लिया। अत्यन्त अभावों में उनका व उनके परिवार का जीवन व्यतीत हुआ। उनके पढ़ाये बच्चे बहुत ऊंचे-ऊंचे पदो पर आसीन हुए। आज वही डी0ए0वी0 स्कूल व कालेज सरकार के बाद देश का शिक्षा प्रदान करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। एक अनुमान के अनुसार डी0ए0वी0 स्कूलों में पंचास लाख से अधिक बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। यह साधारण बात नहीं है। सेवा व त्याग से हम अपना जीवन ऊंचा उठा सकते हैं और इससे हमारे देशवासी बन्धुओं का जीवन सुखी होने सहित देश व समाज उन्नति को प्राप्त होता है।
मनुष्य जीवन हमें परमात्मा से सद्कर्म अर्थात् ज्ञानपूर्वक सेवा व परोपकार आदि कार्यों को करने के लिये ही मिला है। ईश्वर सबसे बड़ा सेवक एवं परोपकारी है। उसने सभी जीवों के लिये यह सृष्टि बनाई और इसमें सभी प्राणियों के सुख के लिये नाना प्रकार के साधन बनाये हैं। हमारे सबके शरीर भी परमात्मा ने ही बनाकर हमें प्रदान किये हैं। ईश्वर हमारा स्वामी व उपास्य देव है। हमें ईश्वर के समान ही कर्म यथा सेवा, परोपकार आदि निरन्तर करने चाहियें। इससे हम अपने कर्म के बन्धनों से मुक्त होकर अपने जीवन को उन्नति की ओर ले जाकर दुःखों से मुक्त हो सकते हैं और जीवन भर आत्म-सन्तोष के सुख से लाभान्वित हो सकते हैं। यदि संसार में सभी लोग दूसरों की सेवा को अपना धर्म बना कर उसका आचरण करने लग जाये, तो यह संसार स्वर्ग बन सकता है। हमारे महापुरुषों ने हमें सेवा व परोपकार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा व शिक्षा दी है। हमें उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना है और अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाना है। एक कहावत है 'सेवा करने से मेवा मिलता है'। यह कहावत निःसन्देह सत्य एवं यथार्थ हैं। हमें इसका पालन करना चाहिये।
-मनमोहन कुमार आर्य
आचार्य रामदेव जी के जीवन के कुछ प्रमुख गुण
“गुरुकुल कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानन्द जी के सहयोगी आचार्य रामदेव जी के जीवन के कुछ प्रमुख गुण”
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आचार्य रामदेव जी गुरुकुल कागड़ी के संचालन में स्वामी श्रद्धानन्द जी के प्रमुख सहयोगी थे। आपने स्वामी श्रद्धानन्द जी के साथ मिलकर व उनके गुरुकुल से पृथक हो जाने पर भी गुरुकुल की महत्ता को बनाये रखा था और उसका सफलतापूर्वक संचालन किया था। श्री गंगाप्रसाद चीफ-जज ने उन पर एक प्रभावशाली लेख लिखा था। इसी लेख से हम उनके जीवन व व्यक्तित्व के कुछ पहलुओं को यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।
श्री आचार्य रामदेव जी आर्यसमाज के एक उज्जवल रत्न थे। पं0 गंगा प्रसाद, रिटायर्ड चीफ जज का परिचय उनके साथ कांगड़ी गुरुकुल की स्थापना से पहले से, अर्थात् लगभग 50 वर्ष से था, जब कि वे जालन्धर में किसी स्कूल के मुख्य अध्यापक थे। पं0 गंगाप्रसाद जी ने यह लेख आचार्य जी मृत्यु के कुछ समय बाद लिखा था। कांगड़ी गुरुकुल की स्थापना के बाद दोनों महापुरुषों में परस्पर परिचय बढ़ता ही गया, क्योंकि उस समय सन् 1902 से 1905 तक पं0 गंगाप्रसाद जी जिला गढ़वाल के लैंसडौन इलाके के डिवीजन अफसर थे, जिसकी सीमा कांगड़ी से मिली हुई है। इसलिए गुरुकुल स्थापित होने के 3 या 4 वर्ष तक वह गुरुकुल के वार्षिक उत्सव में जिसने उस समय आर्य जगत् में अत्यन्त आकर्षक नवीन मेले का रूप धारण कर लिया था, अवश्य सम्मिलित होते थे। इस प्रकार महात्मा मुंशीराम जी तथा आचार्य रामदेव जी से उन्हें अनायास मिलने का अवसर सुलभ होता था।
आचार्य रामदेव जी अपार विद्वता--आचार्य जी के स्वाध्याय और विद्यता की कोई थाह नहीं थी। गुरुकुल कांगड़ी का विशाल पुस्तकालय, जिसके बनाने में उन का विशेष हाथ था, उन के लिए पर्याप्त न था और उसके बाहर की भी अनेक पुस्तकों का वे पाठ करते रहते थे। जहां कहीं जाते थे वहां वह नवीन पुस्तकों की तलाश में रहते थे और जहां जो पुस्तकें उन्हें मिलती थीं उनको बड़ी रुचि के साथ पढ़ते थे। पं0 गंगा प्रसाद जी ने आगरे में उन्हें रद्दी व पुरानी पुस्तक बेचने वालों के यहां से भी पढ़ने योग्य पुस्तकें निकाल कर संग्रह करते देखा था। स्वाध्याय में उनका बहुत समय लगता था।
उनकी विचित्र स्मरण-शक्ति--आचार्य जी की स्मरण शक्ति अद्भुत और विलक्षण थी। जो पुस्तकें एक बार पढ़ लीं वह याद हो गईं। पं0 गंगा प्रसाद चीफ जज ने अपने सुदीर्घ काल के अनुभव में केवल एक और ऐसा विद्वान् देखा था जिनकी स्मरणशक्ति की तुलना श्री रामदेव जी से की जा सकती थी। वे थे श्री ए.सी.वाई. चिन्तामणि। वह प्रयाग के सुप्रसिद्ध दैनिक पत्र लीडर के मुख्य सम्पादक थे।
आचार्य रामदेव जी की विलक्षण भाषण-शक्ति--श्री रामदेव जी को भारतवर्ष के सभी भागों में व्याख्यान देने के लिए जाना पड़ता था। कोई बड़ा आर्यसमाज उनको अपने वार्षिक उत्सव पर अथवा अन्य अवसरों पर निमंत्रित करने से नहीं चूकता था और उनको ऐसे निमंत्रण बहुत अंश में स्वीकार ही करने पड़ते थे। व्याख्यान में प्रमाणों की झड़ी लग जाती थी। उनके व्याख्यानों में बहुधा ऐसे नये प्रमाण मिलते थे, जिनको सुनकर सुशिक्षित श्रोता भी कभी-कभी भौचक्का रह जाता था। यह आचार्य जी के अपार स्वाध्याय और अद्भुत स्मरणशक्ति का ही फल था। किसी बड़ी संस्था या समाज के मुख्य उत्सव पर वे बहुधा कोई नया व्याख्यान तैयार करने का यत्न करते थे।
उनकी लेखन शक्ति--श्री आचार्य जी की लेखनी में भी कुछ कम शक्ति न थी। उनकी रची हुई पुस्तकों के नाम हैं, 1-पुराणमत पर्यालोचन, 2- भारतवर्ष का इतिहास 3 भागों में एवं 3- आर्य और दस्यु। आचार्य रामदेव जी ने गुरुकुल कांगड़ी से प्रकाशित प्रसिद्ध पत्रिका वैदिक मैगजीन का सम्पादन भी किया था। आचार्य जी अंग्रेजी के भी उच्च कोटि के लेखक थे।
गुरुकुल कांगड़ी में उनकी सेवा--श्री रामदेव जी ने सन् 1905 से 1932 तक अर्थात् 27 वर्ष गुरुकुल कांगड़ी में कार्य किया। इस बीच में सन् 1927 से 1932 तक अर्थात् 6 वर्ष तक वे गुरुकुल के आचार्य पद पर रहे। श्री स्वामी श्रद्धानन्द जी के पश्चात गुरुकुल की सेवा में दूसरा स्थान श्री आचार्य जी का ही है। यदि स्वामी श्रद्धानन्द जी गुरुकुल की आत्मा थे तो आचार्य रामदेव उस के प्राण रूप थे।
आचार्य जी का रहन-सहन--श्री आचार्य जी का रहन-सहन बहुत सीधा-सादा था। दिखावट या बनावट उनको छू तक नहीं गई थी। वेशभूषा और केशों को संवारना आदि काम उन्होंने अपने लिए वर्जित कर रखे थे, शायद उनको ऐसे कामों के लिए अवकाश भी नहीं मिलता था। वे बड़े परिश्रमी थे। कहा जाता है कि आर्य प्रतिनिधि सभा, पंजाब में दलबन्दी होने के कारण उनका परिश्रम अन्तिम वर्षों में बहुत बढ़ गया था। पं0 गंगाप्रसाद जी लिखते हैं कि यदि उस के कारण उनका रोग भी बढ़ गया हो तो आश्चर्य की बात नहीं।
आचार्य रामदेव जी कन्या गुरुकुल देहरादून के प्राण थे। उनका अन्तिम 5 वर्षों का समय इसी गुरुकुल में व्यतीत हुआ। शरीर छोड़ने से पूर्व उनको तीव्र पक्षाघात का रोग हो गया था। कन्या गुरुकुल, देहरादून के उनके जीवन के अन्तिम वार्षिकोत्सव में भी वह एक आराम कुर्सी पर गुरुकुल के वार्षिकोत्सव में लेटे हुए उपस्थित रहे थे। उस अवस्था में उनकी आंखों से आंसु बहते थे। इसका कारण शायद उनकी रुग्णावस्था थी।
हमने इस लेख की सामग्री पं0 गंगाप्रसाद जी चीफ जज के एक लेख से ली है। यह लेख डाॅ0 विनोदचन्द्र विद्यालंकार जी द्वारा सम्पादित होकर ''आर्य संस्कृति के संवाहक आचार्य रामदेव” पुस्तक में प्रकाशित हुआ है। पुस्तक हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डोन सिटी से प्रकाशित है। पाठको को इस पुस्तक से लाभ उठाना चाहिये। ओ३म् शम्।
-मनमोहन कुमार आर्य
दो पाय और चार पाय में भेद
“मनुष्य और पशु में अन्तर”
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मनुष्य और पशुओं में अनेक समानतायें हैं। मनुष्य भोजन करते हैं और पशु भी घास आदि चारा खाकर अपना पेट भरते हैं। मनुष्य श्रम करने के बाद थक जाते हैं और विश्राम करने सहित निद्रा आने पर सो जाते हैं। इसी प्रकार पशु भी श्रम करते और निद्रा लेते है। मनुष्य गृहस्थी बन कर सन्तानों को जन्म देते हैं और पशु व पक्षी आदि मनुष्येतर योनियों में भी सन्तानोत्पत्ति की प्रक्रिया होती है। इन सब बातों में मनुष्य और पशु लगभग समान हैं। मनुष्य को परमात्मा ने कुछ चीजें पशुओं से अतिरिक्त भी दी हैं। मनुष्य के पास दो हाथ हैं परन्तु पशुओं के पास मनुष्य जैसे दो हाथ नहीं हैं जिससे वह मनुष्य जैसे काम नहीं कर सकते। मनुष्य को परमात्मा ने सत्य व असत्य का विवेचन वा मनन करने के लिए बुद्धि दी है जो पशुओं के पास नहीं है। मनुष्य बोल सकता है। अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले मनुष्यों के पास अपनी-अपनी अनेक भाषायें हैं जिनसे वह अपने मन व हृदय के भावों को अपने परिवारजनों व मित्रों आदि में अभिव्यक्त कर सकता है। पशुओं को परमात्मा ने इस भाषा की सुविधा से वंचित रखा है। हर बात का कोई न कोई कारण होता है। परमात्मा परम विद्वान है, अतः उसने जिसके साथ जो किया व जिसको जो दिया, वह सब कारण-कार्य के सिद्धान्त के अनुसार है। संसार में भी हम देखते हैं कि जो मनुष्य जिस चीज का दुरुपयोग करता है, उससे वह चीज छीन ली जाती है। आत्मा अनश्वर है, अनादि व सनातन है। इस जन्म से पूर्व भी उसका अस्तित्व था और वह किसी मनुष्य व अन्य योनि में रहती थीं। जिस आत्मा ने पूर्वजन्म में अच्छे शुभ कर्म किये, उन्हें परमात्मा ने मनुष्य का शरीर दे दिया और जिसने पूर्वजन्म में अपने ज्ञान, इन्द्रियों व शक्तियों का दुरुपयोग किया, उनसे परमात्मा ने वह शक्तियां छीन लीं। मनुष्य को परमात्मा ने बुद्धि दी है तो इसका उसे सदुपयोग करना है। यदि वह इसका सदुपयोग नहीं करेगा तो निश्चय ही इससे यह सब इन्द्रियां, करण व यन्त्र आदि छीन लिये जायेंगे। पशु व पक्षी आदि योनियों को देखकर परमात्मा के इस न्याय की पुष्टि होती है।
मनुष्य और पशुओं में एक प्रमुख अन्तर उनकी वैचारिक प्रणाली है। मनुष्य विचार कर सकता है और सत्य व असत्य का निर्णय कर सकता है। विचार करने के लिये भाषा की आवश्यकता होती है। संसार में अनेक भाषायें हैं परन्तु इन सभी भाषाओं का उद्गम वेदों की संस्कृत भाषा है। वेद संसार के प्रथम व आदि ग्रन्थ हैं। वेद में सब सत्य विद्याओं का भण्डार है। वेदों का ज्ञान सृष्टि के आरम्भ मे ंपरमात्मा से प्राप्त हुआ था। परमात्मा यदि सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों को वेदों का ज्ञान न देता तो सभी मनुष्य भाषा एवं ज्ञान से वंचित रहते। ईश्वर की सबसे बड़ी कृपाओं में से एक उसका मनुष्यों को वेदों का ज्ञान देना है। वह लोग जो मनुष्य जन्म लेकर भी वेदों का अध्ययन नहीं करते, ईश्वर, जीवात्मा और सृष्टि के सत्यस्वरूप को जानने का प्रयास नहीं करते और सत्याचरण नहीं करते, वह सब मनुष्य सिद्ध नहीं होते। वह संसार में भाररूप हैं। ऐसे लोग सत्य के विपरीत जो-जो आचरण करते हैं वह पशुओं से भी हीन व निम्नतर प्राणी होते हैं। परमात्मा ने सूर्य को प्रकाश और ताप देने तथा संसार की ऋतुओं के परिवर्तन करने सहित रात्रि व दिवस आदि को वर्तमान करने के लिये किया है। जिस प्रयोजन से सूर्य, चन्द्र व पृथिवी आदि ग्रह-उपग्रह बनाये गये हैं, यह सब अपने नियमों व उद्देश्यों का पूरा-पूरा पालन कर रहे हैं। मनुष्य को भी अपने पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये बनाया गया है। इसके साथ उसे अपने भविष्य और भावी पुनर्जन्म के लिये भी सद्कर्मों का संग्रह करना है। जो ऐसा करते हैं वह प्रशंसा के पात्र होते हैं और जो नहीं करते, वह ईश्वर प्रदत्त मानव योनि का सदुपयोग न करने के कारण भविष्य में इस मनुष्य जन्म से वंचित किये जाने के पात्र बनते हैं। अतः मनुष्य को चिन्तन व मनन कर अपने कर्तव्य एवं अकर्तव्य का अवश्य विचार करना चाहिये और कर्तव्यों का पालन करने के साथ अकर्तव्यों का त्याग करना ही मनुष्य का प्रमुख धर्म होता है। ऐसा करने से हमें सुख व उन्नति का लाभ होता है। हम संसार में जिन उन्नत, सुखी व सफल व्यक्तियों को देखते हैं वह प्रायः अपने ज्ञानयुक्त परिश्रम व तप से ही आगे बढ़े हैं। पुरुषार्थ करके धन व सम्पत्ति तो अर्जित की जा सकती है और यश भी अर्जित होता है परन्तु वेदविहित ईश्वरोपासना और देवयज्ञ अग्निहोत्र कर्म न करने से मनुष्य के जीवन का उद्देश्य अधूरा रहता है। अतः मनुष्य के लिये वेदाध्ययन अनिवार्य है। वह यदि वेदाध्ययन करेगा तो उसे इसका लाभ मिलेगा अन्यथा वह इससे वंचित होकर भावी जन्मों में हानि को प्राप्त होगा।
मनुष्य का अपना एक धर्म है जिसका अर्थ है सत्य का आचरण। कर्तव्य पालन को भी धर्म कहते हैं। मनुष्य जिन श्रेष्ठ गुणों को धारण कर सकता है, उनको धारण करना भी धर्म कहलाता है। जो निन्दित गुण होते हैं उनको जीवन में स्थान नहीं देना चाहिये क्योंकि यह मनुष्य को धर्म पालन से दूर करते हैं। मनुष्य जिन गुणों का ग्रहण, धारण व आचरण करता है वह अपनी बुद्धि और अर्जित ज्ञान के आधार पर सोच विचार कर करता है। मनुष्य से इतर पशु आदि किसी योनि की आत्माओं को चिन्तन मनन कर सत्य व ज्ञानपूर्व अपने कर्तव्यों का निर्धारण करने की सामथ्र्य नहीं है। वह वही करते हैं जिसका ज्ञान परमात्मा ने उनकी आत्माओं में कर रखा है। सभी पशु व पक्षियों के कर्म प्रायः ईश्वर के द्वारा नियत हैं। अतः वह या तो वनों में विचरण करते हैं या अपने मनुष्य रूपी स्वामियों के घरों पर बन्धे रहते हैं और उनसे जो काम लिया जाता है उसे वह करते हैं। यह सभी पशु हमें यह शिक्षा देते हैं कि हमने पूर्वजन्म में कुछ अनुचित वा अशुभ किये थे जिस कारण परमात्मा ने हमें सजा व दण्ड के रूप में पशु आदि योनि में जन्म दिया है। तुम मनुष्य हमसे शिक्षा लेकर कभी कोई अनुचित काम मत करना अन्यथा तुम्हारी भी हमारे समान दशा होगी। इन सब बातों पर विचार कर ही वेद के विद्वान व बुद्धिमान विवेकी जन सद्कर्मों में ही अपने जीवन को लगाते रहे हैं। ऋषि दयानन्द के जीवन पर दृष्टि डालते हैं तो हमें लगता है कि वह बौद्धिक दृष्टि से बहुत अधिक विकसित थे। उन्होंने वेद व समस्त प्राचीन उपलब्ध साहित्य को पढ़कर अपने भविष्य को लक्ष्य मोक्ष तक पहुंचाने का निर्णय किया था और श्रेष्ठ कर्मों को करके हमारे सामने एक आदर्श उपस्थित किया है। हमें राम, कृष्ण, दयानन्द, स्वामी श्रद्धानन्द, पं0 लेखराम, पं0 गुरुदत्त विद्यार्थी, महात्मा हंसराज, पं0 चमूपति, स्वामी विद्यानन्द सरस्वती, पं0 युधिष्ठिर मीमांसक, डाॅ0 आचार्य रामनाथ वेदालंकार आदि जैसे महान पुरुषों का अनुकरण एवं अनुसरण करना चाहिये। ऐसा करके ही हम भविष्य में सुखी व सन्तुष्ट रह सकते हैं। ऐसा न करने पर और धनोपार्जन व सम्पति संग्रह आदि में फंसे रहकर हम अपने भावी जीवन में अपने लिये अनेक कठिनाईयां एवं दुःख उत्पन्न करेंगे। धर्म ही मनुष्यों को अभ्युदय एवं निःश्रेयस प्रदान करता है। धर्महीन मनुष्य पशु से भी निम्नतर होता है। आतंकवादियों पर यह बात शतप्रतिशत लागू होती है जो मानवता एवं मानव के कर्तव्यों से सर्वथा दूर होते हैं और मत-पंथ-मजहब की मिथ्या मान्यताओं के दुष्चक्र में फंस कर सज्जन धार्मिक लोगों को दुःख देते हैं। यह ईश्वर के दण्ड से बच नहीं सकते। किसी भी बुरे काम करने वाले मनुष्य को चाहे वह किसी भी मत का अनुसरण करें, उसके दुष्कर्मों के परिणामस्वरूप किंचित भी सुख नहीं मिल सकता। अज्ञानी मनुष्य का सुख उसके किसी भावी बड़े दुःख का कारण हो सकता है।
पशुओं एवं पक्षियों सहित हम वृक्षों व जड़ पदार्थों से भी जीवन में अनेक शिक्षायें ले सकते हैं। गाय दूध देकर हमारा पालन करती है। उसके उपकारों से मनुष्य कभी उऋण नहीं हो सकता। भेड़, बकरी, अश्व व हस्ति आदि से भी हमें नाना प्रकार के लाभ होते हैं। इनके भी हम ऋण होते हैं। जड़ पदार्थों में जिन्हें हम देवता कहते हैं वह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, अग्नि, वायु, जल, आकाश आदि भी हमें अपने-अपने धर्म का पालन करते हुए हमारे जीवन को सुखद बनाते हैं। इनके भी हम ऋणी हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम पृथिवी के भौतिक पदार्थों का सदुपयोग करते हुए इन्हें किसी प्रकार से दूषित न करें। इनका अल्प मात्रा में सदुपयोग करें और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिये इसे स्वच्छ एवं उतनी ही मात्रा में छोड़कर जाने का प्रयत्न करें जितनी मात्रा यह हमें प्राप्त हुए थे। यदि हम वायु व जल आदि का प्रदूषण करते रहे और वनों को काटकर भूमि पर भवन, उद्योग एवं सड़के आदि बनाते रहे तो आने वाली पीढ़ियों को इससे असुविधा होगी। इसका अर्थ होगा कि हमने अपनी भावी पीढ़ियों के हितों की अनदेखी की और प्रकृति के साधनों का अन्धाधुन्ध उपभोग किया है। ऐसा करना उचित नहीं जबकि वर्तमान व्यवस्था हमें अधिक से अधिक आवश्यकता की वस्तुओं का उपभोग करने की प्रेरणा करती है।
मनुष्य एवं पशुओं में बहुत सी समानतायें हैं। हमारा महत्व तभी है जब हम पशुओं की तुलना में अपने ज्ञान एवं आचरण से श्रेष्ठता सिद्ध करें। यदि हम वेद, सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों का नियमित स्वाध्याय करते हैं और तर्क एवं युक्ति से सिद्ध होने वाले सत्य कर्मों व उद्देश्यों की पूर्ति के लिये श्रेष्ठ सत्य आचरण करते हैं तो हम मनुष्य होने पर पशुओं से श्रेष्ठ कहे जा सकते हैं। भ्रष्टाचार, देश के अहित करने वाले विचारों व कार्यों में फंसकर तथा स्वार्थों में पड़कर हम पशुओं से भी निम्न कोटि के प्राणी सिद्ध होते हैं। ओ३म् शम्।
-मनमोहन कुमार आर्य
रसम द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस के अवसर पर राज पब्लिक स्कूल घूकना में सम्मान समारोह का आयोजन
रसम द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस के अवसर पर राज पब्लिक स्कूल घूकना में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें चर्चा का विषय गाजी शब्द को देशनिकाला हो अभियान रहा व गाजियाबाद हो या गाजीपुर स्थानीय जन भावनाओं के अनुरूप नाम बदलकर पूर्वजों को सम्मान दो पर टीचर्स डे के अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता आदरणीय श्री अशोक भारतीय चेयरमैन संयुक्त व्यापार मंडल गाजियाबाद ने अपने संबोधन में गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला व उपस्थित सभी टीचर का सम्मान करते हुए उनके हाथो देश के नौनिहालो के बेहतर भविष्य के निर्माण की कामना की व गाजियाबाद का नाम बदलने हेतु पहल पर संदीप त्यागी रसम का माला पहनाकर स्वागत किया व हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया
घूकना व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमित चौधरी ने बोलते हुए कहा कि शिक्षक ही देश का निर्माता है गाजी शब्द को देशनिकाला हो अभियान के समर्थन में
हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया व सरकार से मांग की गई कि गाजियाबाद का नाम बदलकर कोई अन्य सर्वमान्य नाम प्रदान करो
सामाजिक कार्यकर्ता
संदीप त्यागी रसम राष्ट्रीय संयोजक रसम
ने डा सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन को टीचर्स डे के रूप में मनाने व राधा कृष्णन जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहिए ऐसा कहते हुए उपस्थित समस्त गणमान्य जन से हाथ उठवाकर गाजी शब्द को देशनिकाला हो अभियान के समर्थन में सहयोग मांगा
गाजियाबाद का नाम बदलकर कोई अन्य सर्वमान्य नाम प्रदान करने की मांग पर सबसे सहयोग मांगा जिसे सभी सम्मानित साथियों ने स्वीकार कर तन मन धन से सहयोग का आश्वासन दिया
संदीप त्यागी ने शिक्षक शब्द का अर्थ समझाते हुए बताया
शि - शब्द शिखर पर ले जाने
क्ष - क्षमा की भावना रखने वाले
क - कमजोरी दूर करने वाले
ऐसे अनेको महान गुण धारण कर अपने जीवन में उतार कर उदाहरण प्रस्तुत करने वाले व्यक्तित्व ही वास्तविक अर्थ में गुरू बनने की गुरू होने की योग्यता रखते हैं
तमन्ना दीपांशी सोनम अनामिका सोनी मनीषा रजनी शिवानी सिमरन काजल सुमित अभिनव आदि
विद्यार्थियों ने शिक्षक के रूप में आज अध्यापन कार्य किया जिन्हे सम्मानित किया गया
11 शिक्षको को सम्मान प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया जिनके नाम मंजू तोमर सुधा सीमा ज्योति संगीता कुसुम सावन हिमांशु मुख्य रुप से हैं
उपस्थित अतिथिगण को सम्मान प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया
इस अवसर पर प्रमुख रुप से डा शरद गौतम शर्मा अमित चौधरी अजय वर्मा राजकुमारी त्यागी एम के त्यागी ऋषिक त्यागी
पंडित अशोक भारतीय संदीप त्यागी रसम
अमित वर्मा वीरेंद्र कँडेरे प्रमुख रुप से उपस्थित रहे
बेटी सुरक्षा दल की कोर कमेटी की मीटिंग कृष्णा सागर रेस्टोरेंट में संम्पन
6 सितम्बर बेटी सुरक्षा दल की कोर कमेटी की मीटिंग कृष्णा सागर रेस्टोरेंट में संम्पन हुई । बेटी सुरक्षा दल के केंद्रीय संयोजक डॉ एस के शर्मा जी व बेटी सुरक्षा दल की संरक्षक शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ सुधा सिंह जी के नेतृत्व में सभी कोर कमेटी के सदस्यों ने । सर्वसम्मति से मोदी नगर निवासी मोदी नगर की पूर्व पार्षद बबिता शर्मा को बनाया बेटी सुरक्षा दल (रजिo) का राष्ट्रीय अध्यक्ष इस अवसर पर कोर कमेटी के सदस्यों ने आशा व्यक्त की कि बबिता शर्मा जी सम्पूर्ण भारत मे बेटियो की सुरक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, गारंटी कानून बनवाने के लिए सम्पूर्ण भारत मे जनजागरण कर देश के हर नागरिक को जागरूक करेगी
इस अवसर पर उपस्थित रहे --
कोर कमेटी सदस्य
डॉ एस के शर्मा डॉ राजाराम आर्य डॉ जमील खान डॉ जुबेर त्यागी डॉ सुनील वसिष्ठ डॉ आर के शर्मा डॉ सुधा सिंह डॉ संजय सिंह संदीप शर्मा अमित सिंघल प्रमोद जेन नरेश अग्रवाल डॉ अनिल कोरी आदि उपस्थित रहे
जीआरपी पुलिस द्वारा दो शातिर चोर गिरफ्तार
थाना जीआरपी ग़ाज़ियाबाद द्वारा रेलवे स्टेशन गाजियाबाद से 02 शातिर चोर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। जिनके कब्जे से 08 अदद चोरी के एंड्रॉइड मोबाइल तथा 500 रुपये नकद बरामद हुए है,,अभियुक्तो के नाम मदन पुत्र रवीन्द्रपाल निवासी ग्राम बबूल थाना हाथरस जंक्शन जिला हाथरस,,सलमान पुत्र नईम निवासी ग्राम हतई थाना धामपुर जिला बिजनोर है,,पुलिस की माने तो उपरोक्त अभियुक्त शातिर किस्म के अपराधी है।जो लगातार चोरी की घटनाएं कर रहे थे।अभियुक्त मदन आदतन अपराधी है,जो पूर्व में भी थाना जीआरपी मुरादाबाद तथा जीआरपी गाजियाबाद से जेल जा चुका है। ओर जिनपर चोरी के दर्जनों मुकंदमे दर्ज है।।
जनसभा का आयोजन
आरपीआई पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय हाजी शकील सैफी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हाजी शकील सैफी जी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने थामा आरपीआई पार्टी का दामन हजारों अल्पसंख्यक अन्य समुदाय के लोगों ने भी आरपीआई पार्टी जॉइन की आरपीआई पार्टी अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी शकील सैफी ने कहा अल्पसंख्यक को आरपीआई पार्टी से जोड़ने की मुहिम छेड़ी है पूरे भारत में यह मुहिम चलाई जाएगी इस दौरान मुख्य रूप से उपस्थित रहे सरफराज सैफी नदीम खान फहीम खान सरफराज सैफी नदीम खान फहीम खान सुनीता शर्मा रमेश कुमार अरविंद बजाज फजलु सैफी नरेंद्र सिंह जाहिद अहमद वाहिद खान आमिर खान परवेज सलमानी नाजिम मेवाती इसुब आरिफ सलमानी आदि लोग उपस्थित रहे
ग्रीन शिक्षक दिवस मनाया
मनीष पाण्डेय
शिक्षक दिवस के मौके पर आईआईएचएस इन्द्रापुरम मे ग्रीन शिक्षक दिवस मनाया गया, इस मौके पर इन्सिचुट के सभी प्रोफ़ेसर, निदेशक, बच्चे मौजूद थे, उन्होने 50पौधे पिपल, नीम, बेल के लगाये और उन्हें पालने के लिए संकल्प लिया, प्रकृति रुपा भाई ने सभी लोगों से अनुरोध किया कि ये जो पौधे आज हम लगा रहे हैं, उनके 5 साल तक शिक्षक दिवस के दिन जन्म दिन मनायेन्गे, कारण लगाना काम छोटा है, पालना बडा काम है, और पर्यावरण के रक्षा हेतु हमे पौधे से पेड़ बनाना है, तब जा के हमारा सम्पूर्ण काम पूरा होता है,
सभी उपस्थित लोगो ने इस बात पर अपनी सहमति जताइ कि हम सभी इन पौधों के जन्मदिन मनायेन्गे,
Friday 6 September 2019
चौधरी अवनीत पवार बने भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
आज दिनांक 6/9/19 को भारतीय किसान यूनियन अंबावता ने अपने संगठन का विस्तार किया जिसमें किसानों के मसीहा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चौधरी ऋषि पाल अंबावत जी के द्वारा चौधरी अवनीत पवार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया और युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक नागर जी ने अवनीत पवार जी को शुभकामनाएं दी
और उन्होंने आशा जताई कि चौधरी अवनीत पवार भारतीय किसान यूनियन अंबावता को किसानों के बीच में ले जाने का कार्य करेगे जिसमें चौधरी अवनीत पवार ने कहा वह सच्ची निष्ठा से किसानों के बीच किसानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे और सरकार की गलत नीतियों की आवाज भारतीय किसान यूनियन के छतरी के नीचे उठाते रहेंगे
इस अवसर पर (प्रदेश अध्यक्ष) सचिन शर्मा ने कहा बिजली के बढ़े हुए डरो को भारतीय किसान यूनियन किसी भी तरीके से सहन नहीं करेगी किसान पहले ही त्रस्त है ऊपर से बिजली के दर बढ़ाए जा रहे हैं जिससे किसानों के तो कमर ही टूट जाएगी वहां उपस्थित
राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण शर्मा (नीटू) ने कहा पहले गन्ने की पेमेंट का इंतजाम सरकार करें सरकारी सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारें प्रदेश में हो रहे बच्चे चोरों को पकड़ने का काम करें
प्रदेश सचिव ठाकुर मुकेश सोलंकी जी ने कहा भारतीय किसान यूनियन अंबावता द्वारा किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर ग्राम- कदौली जिला अलीगढ़ में जनसंपर्क महासभा का आयोजन 8 तारीख रविवार को किया जा रहा है
इस अवसर पर उपस्थित रहे संगठन महामंत्री रामपाल अंबावता जी अवनीश चौधरी चौधरी महिपाल राठी लोकेंद्र चौधरी उपस्थित रहे
दो पाय और चार पाय में भेद
“मनुष्य और पशु में अन्तर”
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मनुष्य और पशुओं में अनेक समानतायें हैं। मनुष्य भोजन करते हैं और पशु भी घास आदि चारा खाकर अपना पेट भरते हैं। मनुष्य श्रम करने के बाद थक जाते हैं और विश्राम करने सहित निद्रा आने पर सो जाते हैं। इसी प्रकार पशु भी श्रम करते और निद्रा लेते है। मनुष्य गृहस्थी बन कर सन्तानों को जन्म देते हैं और पशु व पक्षी आदि मनुष्येतर योनियों में भी सन्तानोत्पत्ति की प्रक्रिया होती है। इन सब बातों में मनुष्य और पशु लगभग समान हैं। मनुष्य को परमात्मा ने कुछ चीजें पशुओं से अतिरिक्त भी दी हैं। मनुष्य के पास दो हाथ हैं परन्तु पशुओं के पास मनुष्य जैसे दो हाथ नहीं हैं जिससे वह मनुष्य जैसे काम नहीं कर सकते। मनुष्य को परमात्मा ने सत्य व असत्य का विवेचन वा मनन करने के लिए बुद्धि दी है जो पशुओं के पास नहीं है। मनुष्य बोल सकता है। अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले मनुष्यों के पास अपनी-अपनी अनेक भाषायें हैं जिनसे वह अपने मन व हृदय के भावों को अपने परिवारजनों व मित्रों आदि में अभिव्यक्त कर सकता है। पशुओं को परमात्मा ने इस भाषा की सुविधा से वंचित रखा है। हर बात का कोई न कोई कारण होता है। परमात्मा परम विद्वान है, अतः उसने जिसके साथ जो किया व जिसको जो दिया, वह सब कारण-कार्य के सिद्धान्त के अनुसार है। संसार में भी हम देखते हैं कि जो मनुष्य जिस चीज का दुरुपयोग करता है, उससे वह चीज छीन ली जाती है। आत्मा अनश्वर है, अनादि व सनातन है। इस जन्म से पूर्व भी उसका अस्तित्व था और वह किसी मनुष्य व अन्य योनि में रहती थीं। जिस आत्मा ने पूर्वजन्म में अच्छे शुभ कर्म किये, उन्हें परमात्मा ने मनुष्य का शरीर दे दिया और जिसने पूर्वजन्म में अपने ज्ञान, इन्द्रियों व शक्तियों का दुरुपयोग किया, उनसे परमात्मा ने वह शक्तियां छीन लीं। मनुष्य को परमात्मा ने बुद्धि दी है तो इसका उसे सदुपयोग करना है। यदि वह इसका सदुपयोग नहीं करेगा तो निश्चय ही इससे यह सब इन्द्रियां, करण व यन्त्र आदि छीन लिये जायेंगे। पशु व पक्षी आदि योनियों को देखकर परमात्मा के इस न्याय की पुष्टि होती है।
मनुष्य और पशुओं में एक प्रमुख अन्तर उनकी वैचारिक प्रणाली है। मनुष्य विचार कर सकता है और सत्य व असत्य का निर्णय कर सकता है। विचार करने के लिये भाषा की आवश्यकता होती है। संसार में अनेक भाषायें हैं परन्तु इन सभी भाषाओं का उद्गम वेदों की संस्कृत भाषा है। वेद संसार के प्रथम व आदि ग्रन्थ हैं। वेद में सब सत्य विद्याओं का भण्डार है। वेदों का ज्ञान सृष्टि के आरम्भ मे ंपरमात्मा से प्राप्त हुआ था। परमात्मा यदि सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों को वेदों का ज्ञान न देता तो सभी मनुष्य भाषा एवं ज्ञान से वंचित रहते। ईश्वर की सबसे बड़ी कृपाओं में से एक उसका मनुष्यों को वेदों का ज्ञान देना है। वह लोग जो मनुष्य जन्म लेकर भी वेदों का अध्ययन नहीं करते, ईश्वर, जीवात्मा और सृष्टि के सत्यस्वरूप को जानने का प्रयास नहीं करते और सत्याचरण नहीं करते, वह सब मनुष्य सिद्ध नहीं होते। वह संसार में भाररूप हैं। ऐसे लोग सत्य के विपरीत जो-जो आचरण करते हैं वह पशुओं से भी हीन व निम्नतर प्राणी होते हैं। परमात्मा ने सूर्य को प्रकाश और ताप देने तथा संसार की ऋतुओं के परिवर्तन करने सहित रात्रि व दिवस आदि को वर्तमान करने के लिये किया है। जिस प्रयोजन से सूर्य, चन्द्र व पृथिवी आदि ग्रह-उपग्रह बनाये गये हैं, यह सब अपने नियमों व उद्देश्यों का पूरा-पूरा पालन कर रहे हैं। मनुष्य को भी अपने पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये बनाया गया है। इसके साथ उसे अपने भविष्य और भावी पुनर्जन्म के लिये भी सद्कर्मों का संग्रह करना है। जो ऐसा करते हैं वह प्रशंसा के पात्र होते हैं और जो नहीं करते, वह ईश्वर प्रदत्त मानव योनि का सदुपयोग न करने के कारण भविष्य में इस मनुष्य जन्म से वंचित किये जाने के पात्र बनते हैं। अतः मनुष्य को चिन्तन व मनन कर अपने कर्तव्य एवं अकर्तव्य का अवश्य विचार करना चाहिये और कर्तव्यों का पालन करने के साथ अकर्तव्यों का त्याग करना ही मनुष्य का प्रमुख धर्म होता है। ऐसा करने से हमें सुख व उन्नति का लाभ होता है। हम संसार में जिन उन्नत, सुखी व सफल व्यक्तियों को देखते हैं वह प्रायः अपने ज्ञानयुक्त परिश्रम व तप से ही आगे बढ़े हैं। पुरुषार्थ करके धन व सम्पत्ति तो अर्जित की जा सकती है और यश भी अर्जित होता है परन्तु वेदविहित ईश्वरोपासना और देवयज्ञ अग्निहोत्र कर्म न करने से मनुष्य के जीवन का उद्देश्य अधूरा रहता है। अतः मनुष्य के लिये वेदाध्ययन अनिवार्य है। वह यदि वेदाध्ययन करेगा तो उसे इसका लाभ मिलेगा अन्यथा वह इससे वंचित होकर भावी जन्मों में हानि को प्राप्त होगा।
मनुष्य का अपना एक धर्म है जिसका अर्थ है सत्य का आचरण। कर्तव्य पालन को भी धर्म कहते हैं। मनुष्य जिन श्रेष्ठ गुणों को धारण कर सकता है, उनको धारण करना भी धर्म कहलाता है। जो निन्दित गुण होते हैं उनको जीवन में स्थान नहीं देना चाहिये क्योंकि यह मनुष्य को धर्म पालन से दूर करते हैं। मनुष्य जिन गुणों का ग्रहण, धारण व आचरण करता है वह अपनी बुद्धि और अर्जित ज्ञान के आधार पर सोच विचार कर करता है। मनुष्य से इतर पशु आदि किसी योनि की आत्माओं को चिन्तन मनन कर सत्य व ज्ञानपूर्व अपने कर्तव्यों का निर्धारण करने की सामथ्र्य नहीं है। वह वही करते हैं जिसका ज्ञान परमात्मा ने उनकी आत्माओं में कर रखा है। सभी पशु व पक्षियों के कर्म प्रायः ईश्वर के द्वारा नियत हैं। अतः वह या तो वनों में विचरण करते हैं या अपने मनुष्य रूपी स्वामियों के घरों पर बन्धे रहते हैं और उनसे जो काम लिया जाता है उसे वह करते हैं। यह सभी पशु हमें यह शिक्षा देते हैं कि हमने पूर्वजन्म में कुछ अनुचित वा अशुभ किये थे जिस कारण परमात्मा ने हमें सजा व दण्ड के रूप में पशु आदि योनि में जन्म दिया है। तुम मनुष्य हमसे शिक्षा लेकर कभी कोई अनुचित काम मत करना अन्यथा तुम्हारी भी हमारे समान दशा होगी। इन सब बातों पर विचार कर ही वेद के विद्वान व बुद्धिमान विवेकी जन सद्कर्मों में ही अपने जीवन को लगाते रहे हैं। ऋषि दयानन्द के जीवन पर दृष्टि डालते हैं तो हमें लगता है कि वह बौद्धिक दृष्टि से बहुत अधिक विकसित थे। उन्होंने वेद व समस्त प्राचीन उपलब्ध साहित्य को पढ़कर अपने भविष्य को लक्ष्य मोक्ष तक पहुंचाने का निर्णय किया था और श्रेष्ठ कर्मों को करके हमारे सामने एक आदर्श उपस्थित किया है। हमें राम, कृष्ण, दयानन्द, स्वामी श्रद्धानन्द, पं0 लेखराम, पं0 गुरुदत्त विद्यार्थी, महात्मा हंसराज, पं0 चमूपति, स्वामी विद्यानन्द सरस्वती, पं0 युधिष्ठिर मीमांसक, डाॅ0 आचार्य रामनाथ वेदालंकार आदि जैसे महान पुरुषों का अनुकरण एवं अनुसरण करना चाहिये। ऐसा करके ही हम भविष्य में सुखी व सन्तुष्ट रह सकते हैं। ऐसा न करने पर और धनोपार्जन व सम्पति संग्रह आदि में फंसे रहकर हम अपने भावी जीवन में अपने लिये अनेक कठिनाईयां एवं दुःख उत्पन्न करेंगे। धर्म ही मनुष्यों को अभ्युदय एवं निःश्रेयस प्रदान करता है। धर्महीन मनुष्य पशु से भी निम्नतर होता है। आतंकवादियों पर यह बात शतप्रतिशत लागू होती है जो मानवता एवं मानव के कर्तव्यों से सर्वथा दूर होते हैं और मत-पंथ-मजहब की मिथ्या मान्यताओं के दुष्चक्र में फंस कर सज्जन धार्मिक लोगों को दुःख देते हैं। यह ईश्वर के दण्ड से बच नहीं सकते। किसी भी बुरे काम करने वाले मनुष्य को चाहे वह किसी भी मत का अनुसरण करें, उसके दुष्कर्मों के परिणामस्वरूप किंचित भी सुख नहीं मिल सकता। अज्ञानी मनुष्य का सुख उसके किसी भावी बड़े दुःख का कारण हो सकता है।
पशुओं एवं पक्षियों सहित हम वृक्षों व जड़ पदार्थों से भी जीवन में अनेक शिक्षायें ले सकते हैं। गाय दूध देकर हमारा पालन करती है। उसके उपकारों से मनुष्य कभी उऋण नहीं हो सकता। भेड़, बकरी, अश्व व हस्ति आदि से भी हमें नाना प्रकार के लाभ होते हैं। इनके भी हम ऋण होते हैं। जड़ पदार्थों में जिन्हें हम देवता कहते हैं वह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, अग्नि, वायु, जल, आकाश आदि भी हमें अपने-अपने धर्म का पालन करते हुए हमारे जीवन को सुखद बनाते हैं। इनके भी हम ऋणी हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम पृथिवी के भौतिक पदार्थों का सदुपयोग करते हुए इन्हें किसी प्रकार से दूषित न करें। इनका अल्प मात्रा में सदुपयोग करें और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिये इसे स्वच्छ एवं उतनी ही मात्रा में छोड़कर जाने का प्रयत्न करें जितनी मात्रा यह हमें प्राप्त हुए थे। यदि हम वायु व जल आदि का प्रदूषण करते रहे और वनों को काटकर भूमि पर भवन, उद्योग एवं सड़के आदि बनाते रहे तो आने वाली पीढ़ियों को इससे असुविधा होगी। इसका अर्थ होगा कि हमने अपनी भावी पीढ़ियों के हितों की अनदेखी की और प्रकृति के साधनों का अन्धाधुन्ध उपभोग किया है। ऐसा करना उचित नहीं जबकि वर्तमान व्यवस्था हमें अधिक से अधिक आवश्यकता की वस्तुओं का उपभोग करने की प्रेरणा करती है।
मनुष्य एवं पशुओं में बहुत सी समानतायें हैं। हमारा महत्व तभी है जब हम पशुओं की तुलना में अपने ज्ञान एवं आचरण से श्रेष्ठता सिद्ध करें। यदि हम वेद, सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों का नियमित स्वाध्याय करते हैं और तर्क एवं युक्ति से सिद्ध होने वाले सत्य कर्मों व उद्देश्यों की पूर्ति के लिये श्रेष्ठ सत्य आचरण करते हैं तो हम मनुष्य होने पर पशुओं से श्रेष्ठ कहे जा सकते हैं। भ्रष्टाचार, देश के अहित करने वाले विचारों व कार्यों में फंसकर तथा स्वार्थों में पड़कर हम पशुओं से भी निम्न कोटि के प्राणी सिद्ध होते हैं। ओ३म् शम्।
-मनमोहन कुमार आर्य
योग महोत्सव आयोजित
ललित चौधरी—
गाजियाबाद मे गाजियाबाद प्रथम योग महोत्सव श्री एम.के.सेठ जी, संचार रत्न, मुख्य महाप्रबंधक, ALTTC सेन्टर के सानिध्य मे, अखिल भारतीय योग संस्थान और राष्ट्रीय स्तर की संस्थाए जैसे क्रीड़ा भारती ,दिव्य योग संस्थान के सहयोग से मनाया गया । इस महोत्सव मे 8 वर्ष के बच्चो से लेकर 65 वर्ष के साधकों ने 6 केटेगरी के साधकों ने प्रतिभाग किया । इसमे under-11, under-14, under-19 under-25, under-50, under-65 उम्र तक के साधकों ने भाग लिया । लगभग 50 स्कूलो के बच्चो ने और पी.एस.यू. के 500-600 बच्चो और साफ्ह्कौ .ने प्रतिभाग किया । इसमे केटेगरी वाईज प्रथम, द्वितिय और तृतीय आने वाले बच्चो और साधकों को मेडल, ट्रॉफी और सर्टिफिकेट बांटे गये और योग के क्षेत्र मे सराहनीय काम करने वाले साधकों और पदाधिकारियों को "गाजियाबाद योग रत्न सम्मान और गेस्ट ऑफ होनर से नवाजे गये । जिनके प्रमुख नामो मे श्री एम.के.सेठ, संचार रत्न, ए.एल.टी.टी.सी. सेन्टर, श्री ललित भूषन, श्री हृदयेश कुमार, श्री डी.के.गौतम, अखिल भारतीय योग संस्थान के अध्यक्ष श्री के .के अरोड़ा, श्री राजेन्द्र मदान, मुख्य संयोजक, गाजियाबाद प्रथम योग महोत्सव, श्री राजेश शर्मा, श्रीमती सीमा शर्मा, क्रीड़ा भर्ती से ऋचा सूद, श्री सुदर्शन, पतान्जलि योग से श्री राजवीर सिंह, भारतीय योग संस्थान से श्री योगेश शर्मा आदि थे । यह कार्यक्रम दिनांक 06/09/2019 को सुबह 8:30 बजे से 3 बजे तक चला । अंत मे सिंगल मयूजिकल योग कार्यक्रम और ग्रुप मयूजिकल योग कार्यक्रम भी हुआ । यह इस प्रकार का गाजियाबाद मे एक अनूठा योग महोत्सव हुआ । जिससे लोगो मे योग के प्रति ध्यान आकर्षित होगा । और लोगो मे योग के प्रति रुचि बढ़ेगी । यह गाजियाबाद का प्रथम योग महोत्सव और अखिल भारतीय योग संस्थान के सहयोग से हो रहा है । आए हुये अतिथिगणों, बच्चो और साधकों ने इस आयोजन की काफी तारीफ की । और कहा, कि ऐसे कार्यक्रम बार-बार होने चाहिये । जिससे लोगो मे योग के प्रति जागरूकता हो । इस कार्यक्रम की कुछ झलकियां निम्न है । मुख्य संयोजक का यह सपना है, कि गाजियाबाद के हर छोटे-बड़े पार्क मे योग की क्लास खुले । अगर किसी को योग क्लास खुलवानी हो, तो निम्नलिखित मो.7982815554 पर सम्पर्क कर सकता है ।
रसम द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस के अवसर पर राज पब्लिक स्कूल घूकना में सम्मान समारोह का आयोजन
ललित चौधरी—
रसम द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस के अवसर पर राज पब्लिक स्कूल घूकना में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें चर्चा का विषय गाजी शब्द को देशनिकाला हो अभियान रहा व गाजियाबाद हो या गाजीपुर स्थानीय जन भावनाओं के अनुरूप नाम बदलकर पूर्वजों को सम्मान दो पर टीचर्स डे के अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता आदरणीय श्री अशोक भारतीय चेयरमैन संयुक्त व्यापार मंडल गाजियाबाद ने अपने संबोधन में गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला व उपस्थित सभी टीचर का सम्मान करते हुए उनके हाथो देश के नौनिहालो के बेहतर भविष्य के निर्माण की कामना की व गाजियाबाद का नाम बदलने हेतु पहल पर संदीप त्यागी रसम का माला पहनाकर स्वागत किया व हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया
घूकना व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमित चौधरी ने बोलते हुए कहा कि शिक्षक ही देश का निर्माता है गाजी शब्द को देशनिकाला हो अभियान के समर्थन में
हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया व सरकार से मांग की गई कि गाजियाबाद का नाम बदलकर कोई अन्य सर्वमान्य नाम प्रदान करो
सामाजिक कार्यकर्ता
संदीप त्यागी रसम राष्ट्रीय संयोजक रसम
ने डा सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन को टीचर्स डे के रूप में मनाने व राधा कृष्णन जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहिए ऐसा कहते हुए उपस्थित समस्त गणमान्य जन से हाथ उठवाकर गाजी शब्द को देशनिकाला हो अभियान के समर्थन में सहयोग मांगा
गाजियाबाद का नाम बदलकर कोई अन्य सर्वमान्य नाम प्रदान करने की मांग पर सबसे सहयोग मांगा जिसे सभी सम्मानित साथियों ने स्वीकार कर तन मन धन से सहयोग का आश्वासन दिया
संदीप त्यागी ने शिक्षक शब्द का अर्थ समझाते हुए बताया
शि - शब्द शिखर पर ले जाने
क्ष - क्षमा की भावना रखने वाले
क - कमजोरी दूर करने वाले
ऐसे अनेको महान गुण धारण कर अपने जीवन में उतार कर उदाहरण प्रस्तुत करने वाले व्यक्तित्व ही वास्तविक अर्थ में गुरू बनने की गुरू होने की योग्यता रखते हैं
तमन्ना दीपांशी सोनम अनामिका सोनी मनीषा रजनी शिवानी सिमरन काजल सुमित अभिनव आदि
विद्यार्थियों ने शिक्षक के रूप में आज अध्यापन कार्य किया जिन्हे सम्मानित किया गया
11 शिक्षको को सम्मान प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया जिनके नाम मंजू तोमर सुधा सीमा ज्योति संगीता कुसुम सावन हिमांशु मुख्य रुप से हैं
उपस्थित अतिथिगण को सम्मान प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया
इस अवसर पर प्रमुख रुप से डा शरद गौतम शर्मा अमित चौधरी अजय वर्मा राजकुमारी त्यागी एम के त्यागी ऋषिक त्यागी
पंडित अशोक भारतीय संदीप त्यागी रसम
अमित वर्मा वीरेंद्र कँडेरे प्रमुख रुप से उपस्थित रहे
रणजीत मिक्स मार्शल आर्ट्स के खिलाड़ियों ने जीते 6 मेडल
ललित चौधरी—
प्रतापविहार के एस एस के पब्लिक स्कूल में एक दिवसीय आयोजित अंतर जनपदीय स्कूल कराटे प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने 3 रजत व 3 कांस्य पदक हासिल कर के अपने अपने स्कूल का नाम रोशन किया।। रणजीत मिक्स मार्शल आर्ट्स एंड सेल्फ डिफेंस अकैडमी ऑफ इंडिया के संस्थापक व अध्यक्ष रेन्शी तरुण शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतियोगिता में काफी स्कूलों के तकरीबन 600 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था । जिसमे अपने 6 खिलाड़ी कुमिते/फाईट इवेंट में शिवानी, ज्योति व अनंत मावी ने रजत पदक और छवी शर्मा, सूर्या त्यागी व अमित शिकारवार ने कांस्य पदक अपने अपने भारवर्ग में हासिल किया। सभी खिलाड़ियों को पदक हासिल कर लौटने पर लाल कुआं स्थित रणजीत मिक्स मार्शल आर्ट्स अकैडमी में रेन्शी तरुण शर्मा व असिस्टेंट प्रशिक्षक केशव शर्मा द्वारा भव्य स्वागत किया गया।।। दिनाँक: 06/09/2019 भवदीय। तरूण शर्मा (संस्थापक व अध्यक्ष : रणजीत मिक्स मार्शल आर्ट्स एंड सेल्फ डिफेंस अकैडमी ऑफ इंडिया) मो. 7292000543, 8800475422 ईमेल: rmmasdaindia2019@gmail.com
दरों में रिकॉर्ड तोड़ वृध्दि किए जाने का विरोध, लालटेन प्रदर्शन
ललित चौधरी—
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर जिला कांग्रेस कमेटी ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बिजली, पेट्रोल ,डीजल ,की दरों में रिकॉर्ड तोड़ वृध्दि किए जाने के विरोध में आज खोडा कालोनी में लालटेन प्रदर्शन किया और खोडा के नवनीत बिहार, आदर्श नगर में जुलूस निकाला और उत्तर प्रदेश की तानाशाह सरकार का विरोध किया
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गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलैक्ट्रेट में जनपद स्तर पर प्राप्त जाति से सम्बन्धित शिकायतों के सत्यापन / सुनवाई हेतु जनपद स्तर पर गठित ज...
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समीक्षा न्यूज नेटवर्क गाजियाबाद। वरिष्ठ समाजसेवी और उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश कोषाध्यक्ष ऋषभ राणा ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ...
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माननीय राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया ग्राम मोरटी, ब्लॉक रजापुर, विधानसभा मुरादनगर, जनपद गाजियाबाद में देश की प्रथम ए...