'हम नहीं तो तुम नही'
मै एक वृक्ष हूं, मै मुझसे कह रहा हूं तुमने मुझ टहनी को काटा है मै तुम्हारी शाख काटूंगा! धनसिंह गाजियाबाद। आज जहां देखो वहां चुनावी चर्चाओं का माहौल है। जिधर देखो वह चुनाव की बातें करता हुुआ नज़र आ रहा है चाहे उसे राजनीति से कुछ लेना देना ही ना हो। वहीं जो पार्टी कार्यकर्ता इस बार चुनाव लड़ने के पूरे मुढ़ में थे और उन्हें टिकट नहीं मिला, उनमें से कुछ अपने आपको तुर्रम खां समझते हुए यह समझ बैठे हैं कि 'हम नहीं तो तुम नही'। वहीं कुछ शांति से आगे की सोच कर बैठ गये है। यह तो अपनी अपनी सोच का फेर है। किन्तु हो सकता है कि कोई तुर्रम खां निकल ही जाये और वह अपने कटने का बदला वृक्ष की शाख को काट कर ले ले। वहीं अगर नये नये पौधों की बात करें तो उन्हें बड़े वृक्ष अपने अपने फायदे के अनुसार प्रयोग या उपयोग में ला रहे हैं और यदि उस पौधे से कुछ फायदा नज़र नहीं आ रहा है तो उसे या तो दरकिनार कर दिया जा रहा है या फिर आगे के लिए 'लोलीपॉप' देकर शांत किया जा रहा है। वहीं कुछ नये पौधे उछाल मार मारकर अपने आप को 'तुर्रम खां' साबित करने की कोशिश करने में लगे हैं। जिससे की उनकी कुछ 'पू