लोकबन्धु श्रद्धेय राजनारायण जी की पुण्यतिथि 31 दिसम्बर 2019 पर विशेष
ड़ा0 राम मनोहर लोहिया के अति प्रिय सहयोगी खाँटी समाजवादी, संघर्ष की प्रतिमूर्ति, अन्याय, अनाचार, असमानता व शोषण के विरोधी श्रद्धेय लोकबन्धु राजनारायण का जन्म 15 नवम्बर 1917 को एक धनी बड़े जमींदार परिवार मे हुआ था| उनका गाँव जनपद वाराणसी का मोटी कोट गंगापुर है। उनकी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूर्ण हुई, उन्होने स्नातकोत्तर डिग्री के साथ वकालत भी पास की। इनके विचार बड़े ही क्रांतिकारी रहे। शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप भारत माँ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए स्वतन्त्रता आंदोलन मे कूद पड़े तथा भारत को स्वतंत्र कराने मे अपना अमूल्य योगदान दिया। लोकबन्धु राजनारायण जी को कम लोग ही जानते है कि वे महान स्वतन्त्रता सेनानी थे। 1942 मे आप छात्र कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 9 अगस्त 1942 जिसे अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता है जनपद वाराणसी मे क्रांति का आप ने नेतृत्व किया, उनके नेतृत्व मे वाराणसी रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया, विरोध प्रदर्शन धरना जबरदस्त रहा यह क्रांति देश के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ क्रांति थी, उनके उग्र प्रदर्शन से ब्रिटिश सरकार बौखला गयी तथा